14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रतिबंध के बावजूद पीओपी से तैयार हो रही गणेश की प्रतिमाएं

एनजीटी ने लगाया है प्रतिबंध

less than 1 minute read
Google source verification

image

Editorial Khandwa

Jul 30, 2017

Statues of Ganesha being prepared with POP despite

Statues of Ganesha being prepared with POP despite restrictions

बुरहानपुर.
प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने वाली प्रतिमाओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बैन लग गया है। प्रशासन के सख्त आदेश के बाद मूर्तिकारों ने कारखाने में पीओपी की प्रतिमाएं बनाना बंद नहीं किया है। इस साल फिर गणेशोत्सव आने से पहले प्रतिमाएं बनना शुरू हो गई, अब तक अफसरों ने इन कारखानों में जांच करना उचित नहीं समझा है।

पर्यावरण को प्रदूषित कर रही पीओपी की प्रतिमाओं पर तीन साल पहले प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन फिर से पीओपी की प्रतिमाएं बनना शुरू हो गई है। पिछले साल दो पर केस भी बनाया था। लेकिन इसका भी असर नहीं पड़ा। प्रतिमाओं की ऊंचाई का भी प्रशासन की ओर से 6 फीट का नियम है, लेकिन यह भी 12 फीट तक तैयार की जा रही है।

इधर गायत्री परिवार चलाएगा अभियान

अ?िाल विश्व गायत्री परिवार की ओर से 1 अगस्त से जनजागरण अभियान शुरू करने जा रहा है।जहां मिट्टी की गणेश प्रतिमाएं घर-घर स्थापित करने के लिए जागरुक करेंगे। इसके लिए स्कूल और कॉलेज में सेमिनार होंगे। रैली निकाली जाएगी। स्कूल के विद्यार्थियों को पीओपी की प्रतिमाओं के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा।

पीओपी प्रतिमा शास्त्र युक्त नहीं

गायत्री परिवार के पंडित जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि गणेशजी विवेक के देवता है। विवेक के देवता की स्थापना विवेक पूर्णहोना चाहिए। प्लाटर ऑफपेरिस की प्रतिमाएं शास्त्र युक्त नहीं है। इसके स्थान पर मिट्टी या पंच धातु की बनी प्रतिमाएं हो।क्योंकि पीओपी पवित्र और पूजा योग्य मानी नहीं गई है और यह प्रतिमाएं पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। इनके निर्माण और विसर्जन में पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। विसर्जन से नदियों में जलीय जीव जंतुओं पर दुष्परिणाम पड़ता है।


- पिछले साल भी हमने कार्रवाईकर दो पर केस बनाया था।इस बार भी जांच की जाएगी।जल्द टीम बनाकर कारखानों पर पहुंचेंगे।

- श्यामेंद्र जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर