फांसी लगाने से पहले मुख्यमंत्री के नाम बनाया वीडियो, सुशांतसिंह राजपूत पर कही ये बात कोविड के कारण ताप्ती जयंती पर बड़ी संख्या में भीड़ नहीं उमड़ सकी, लेकिन जो लोग पहुंचे उनमें उत्साह की कमी नहीं थी। मां ताप्ती की आराधना के लिए पहुंचे भक्तों ने मां ताप्ती को चुनरी ओढ़ाकर जयघोष लगाए।
इंजीनियर ने बनाई अकूत संपत्ति, छापे में मिलीं 15 रजिस्ट्री, 15 बैंक पास बुक्स भाऊ वेलफेयर फाउंडशेन संस्था की ओर से सनातन धर्म प्रचार समिति द्वारा ताप्ती जन्मोत्सव पर यह आयोजन हुआ। जहां यजमान कमल लाड और पत्नी विमला लाड बने। समिति के राजेश भगत ने बताया कि ताप्ती जयंती की प्राचीन परंपरा चली आ रही है। जिसमें शहरवासी शामिल होकर बड़े उत्साह के साथ यह आयोजन करते हैं।
सड़क पर खत्म हो गया जिंदगी का सफर, टूट गए सपने पिछले दो साल से कोविड के कारण कार्यक्रम बड़े स्तर पर नहीं हो पा रहा है। भक्तों ने मौजूद होकर ताप्ती की महाआरती की। पांच पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ 108 दीपों का दान करवाया। इस अवसर पर हरिओम अग्रवाल, अनिल शाह, छगनलाल अग्रवाल, मुकेश देवड़ा आदि मौजूद थे।
पीताम्बरा पीठ पर पूजा—अर्चना करने आए मंत्री तुलसी सिलावट ने माता बगुलामुखी से की ये विशेष कामना गौरतलब है कि ताप्ती नदी का धार्मिक और पौराणिक महत्व है. ताप्ती को सूर्यदेव की पुत्री माना जाता है। सनातन धर्म के अनेक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख किया गया है। सूर्यदेव की पुत्री होने से ताप्ती की जयंती भी धूमधाम से मनाई जाती है।