7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 से लागू हैं और आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनता है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर लंबे समय से जारी अटकलों पर सोमवार को लोकसभा में स्थिति साफ कर दी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला ले लिया है और इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
लोकसभा में सांसद टीआर बालू और आनंद भदौरिया ने यह जानकारी मांगी थी कि क्या जनवरी 2025 में घोषित 8वें वेतन आयोग को अधिसूचित किया गया है और अगर नहीं, तो 6 माह बीत जाने के बावजूद आयोग के गठन में देरी क्यों हो रही है?
मंत्री ने कहा कि सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला ले लिया है और इस संबंध में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और विभिन्न राज्य सरकारों से इनपुट मांगे गए हैं। इन सभी पक्षों से मिले सुझावों के आधार पर अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया कि जैसे ही आयोग की अधिसूचना जारी की जाएगी, इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति शुरू कर दी जाएगी। हालांकि फिलहाल यह साफ नहीं किया गया है कि अधिसूचना कब तक जारी होगी।
मंत्री ने कहा कि संशोधित वेतनमान (Revised Pay Scales) तभी लागू किए जाएंगे जब आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा और सरकार उसे स्वीकार करेगी। यह प्रक्रिया आम तौर पर कई चरणों में होती है। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मंत्रालयों और कैबिनेट स्तर पर उसकी समीक्षा की जाती है और फिर अंतिम मंजूरी दी जाती है।
जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि वह 8वें वेतन आयोग का गठन करेगी ताकि 2026 से इसे लागू किया जा सके। मौजूदा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 से लागू हैं और आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनता है। अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 2026 से नया वेतनमान, महंगाई भत्ते में संशोधन, पेंशन में बदलाव जैसे बेनिफिट मिल सकते हैं। अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 की पहली छमाही में लागू की जा सकती हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी।