
Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली। पूरे देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राहत पैकेज का ऐलान किया। बीते दिनों कोरोना महामारी के बाद लगे लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा। वित्त मंत्री ने कहा कि कुल आठ उपायों का ऐलान किया गया है। इसमें से चार उपाय बिल्कुल नए हैं। इसमें हेल्थ से जुड़ा एक नया राहत पैकेज भी जोड़ा गया है।
लोन गारंटी स्कीम की घोषणा
वित्त मंत्री ने कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की है। कोरोना वायरस से प्रभावित क्षेत्रों को इस तरह की स्कीम से मदद मिलेगी। आठ महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों में हेल्थ सेक्टर के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ का बजट तय किया है। वहीं दूसरे सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया है।
100 करोड़ का अधितकम लोन अमाउंट
हेल्थ सेक्टर के लिए सरकार कम ब्याज दर पर लोन देगी। स्कीम के तहत सौ करोड़ रुपये का अधिक्तम लोन होगा। इस पर अधिकतम ब्याज दर 7.95 फीसदी लगेगा। वहीं, दूसरे सेक्टरों के लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25 प्रतिशत रखा गया है।
4.5 लाख करोड़ की क्रेडिट गारंटी योजना
बीते साल भी सरकार ने क्रेडिट गारंटी योजना का ऐलान किया था। इस बार आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन का प्रावधान किया गया है। सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपये का ऐलान हुआ था। अब इसका दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसका सभी सेक्टर्स को लाभ मिलेगा।
उद्यमियों को फायदा
क्रेडिट गारंटी स्कीम से 25 लाख छोटे उद्यमियों को फायदा पहुंचेगा। इसमें ब्याज की दर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर प्लस) 2 फीसदी होगा। इसकी समय अवधि अधिकतम तीन वर्ष तक की गई है। इसका लाभ 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकेगा।
कृषि क्षेत्र
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रबी विपणन सीजन 2020-21 में 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। वहीं 2021-22 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। 85 लाख करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड भुगतान करा है। वहीं, डीएपी सहित सभी तरह के न्यूट्रिशन को लेकर सब्सिडी में 14 हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ। इससे किसानों को सीधा फायदा मिला।
प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्न योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्न योजना के तहत बीते वर्ष 80 करोड़ लोगों को प्रति माह 5 किग्रा चावल और गेहूं अनाज उपलब्ध करा गया है। इस बार भी मई से नवंबर तक देश के गरीबों के लिए ये योजना शुरू की गई। इस संकट में कोई भूखा ना रहे। इस योजना पर 93869 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस तरह बीते वर्ष और कुछ वर्ष मिलाकर इस योजना के लिए कुल खर्च 2 लाख 27 हजार 840 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस के लिए 23220 करोड़ रुपए
इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस के लिए इस साल 23,220 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बीते साल 15 हजार करोड़ रुपये इमरजेंसी हेल्थ सेवाओं को दिया गया था। इन 9 हजार से अधिक कोविड हेल्थ केयर सेंटर बने। वहीं, ऑक्सीजन बेड्स में सात गुना वृद्धि हुई है।
एग्रीकल्चर मार्केटिंग कॉरपोरेशन
नॉर्थ ईस्ट के किसानों की मदद को लेकर 1982 में इस संगठन की शुरूआत हुई थी। 75 किसान संगठन इस संगठन से जुड़े हैं। यह संगठन किसानों को बिचौलियों-आढ़तियों के मुकाबले 10-15 प्रतिशत अधिक कीमत पर उपलब्ध कराते हैं। इस संगठन के पुर्नजीवन के लिए 77.45 करोड़ रुपए का पैकेज दिया है।
Published on:
28 Jun 2021 05:15 pm
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