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IRCTC यात्रियों के डेटा को बेचकर नहीं कमाएगी पैसा, विवादास्पद टेंडर लिया वापस

यात्रियों के डेटा को मोनेटाइज करने के लिए IRCTC ने एक सलाहकार नियुक्त करने के लिए टेंडर जारी किया था, जिसके बाद IRCTC पर यात्रियों का डेटा बेचकर कमाई करने का आरोप लग रहा था। अब IRCTC ने इस विवादास्पद टेंडर को वापस ले लिया है।

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IRCTC withdraws tender to monetize customer data over privacy concerns

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने 'गोपनीयता' की चिंताओं के बाद विवादास्पद टेंडर को वापस ले लिया है। दरअसर कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने IRCTC समन भेजकर तलब किया था, जिसके बाद बीते दिन शुक्रवार को IRCTC के अधिकारी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश हुए। जहां IRCTC के अधिकारियों ने बताया कि सलाहकार नियुक्त करने के लिए जारी किया गया टेंडर वापस ले लिया गया है।

इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि IRCTC किसी तीसरे पक्ष को डेटा बेचने के पक्ष में नहीं थी। यह टेंडर केवल सर्विस में सुधार के लिए जारी किया गया था। अब बोर्ड इसकी फिर से समीक्षा करेगा, जिसके बाद बोर्ड आगे का निर्णय लेगा।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन IRCTC के 100 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं, जिसमें 75 मिलियन एक्टिव यूजर हैं। IRCTC अपने यात्रियों और माल ढुलाई के डेटा के जरिए 1 हजार करोड़ रुपए राजस्व कमाना चाहता था, जिसके लिए टेंडर जारी किया गया था। IRCTC के टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार इसमें ट्रांसपोर्टर और यात्रियों के डेटा का यूज किया जाना था, जिसमें नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लिंग, पेमेंट मोड सहित अन्य जानकारियां शामिल थी।


IRCTC का डेटा बेचने के लिए नहीं था इरादा
IRCTC के प्रवक्ता ने बताया कि IRCTC डेटा का यूज करके व्यावसायिक रणनीतियों को सुझाव देने के लिए सलाहकार समिति नियुक्त करने के लिए टेंडर जारी किया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि IRCTC का डेटा बेचने के लिए कोई इरादा नहीं था। वहीं उन्होंने आगे कहा कि मीडिया में डेटा बेचने को लेकर आई हुई खबरें फर्जी हैं।


हाल ही में सरकार ने डेटा संरक्षण विधेयक को लिया है वापस

केंद्र सरकार ने हाल ही में डेटा संरक्षण विधेयक को वापस ले लिया है, जिसे 2019 में प्रस्तावित किया गया था। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि पार्लियामेंट्री कमेटी ने विधेयक की समीक्षा करने के बाद 81 संशोधनों के सुझाव दिए हैं, जिसके बाद एक नए "व्यापक कानूनी ढांचे" की आवश्यकता है। इस मामले की जानकारी रखने वालों ने कहा कि यह टेंडर पहले ही वापस ले लिया गया था क्योंकि देश में कोई गोपनीयता बिल नहीं है।

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