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क्या पाकिस्तान अब कंगाल नहीं रहा, क्या S&P ने बढ़ाई सॉवरेन रेटिंग और घटा डिफॉल्ट का खतरा, जानिए

Pakistan Sovereign Credit Rating Upgrade: एसएंडपी ने पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को सुधारते हुए 'बी-' कर दिया है। विदेशी भंडार और राजकोषीय स्थिरता में सुधार इसकी प्रमुख वजह बताई गई है।

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भारत

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MI Zahir

Jul 24, 2025

पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (ANI)

Pakistan Sovereign Credit Rating Upgrade: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति (Pakistan economy) में हुए सुधार को देखते हुए एसएंडपी (S&P ) ग्लोबल रेटिंग्स ने देश की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को "CCC+" (Pakistan credit rating) से बढ़ाकर "B-" कर दिया है। अल्पकालिक रेटिंग भी "C" से बढ़ाकर "B" की गई है। एजेंसी ने इसे स्थिर दृष्टिकोण के साथ जारी किया है, यानी निकट भविष्य में इसमें बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि पाकिस्तान (Pakistan)को अंतरराष्ट्रीय मदद और भुगतान संतुलन में सुधार से लाभ मिला है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में अच्छी बढ़त दर्ज हुई है। जुलाई 2025 तक देश का भंडार बढ़कर 20.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि 2026 में देय 13.4 अरब डॉलर की विदेशी देनदारी को चुकाने के लिए पर्याप्त है।

बाहरी दबावों में कमी, डिफॉल्ट का खतरा घटा

पिछले सालों में पाकिस्तान डिफॉल्ट के खतरे से जूझ रहा था, लेकिन अब आर्थिक संकेतकों में सुधार और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के चलते यह खतरा काफी हद तक टल गया है। एसएंडपी ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान अब विदेशी कर्ज अदायगी के लिए केवल वैश्विक हालात या आर्थिक विकास पर निर्भर नहीं है।

राजकोषीय नीतियों में सुधार के संकेत

सरकार द्वारा उठाए गए कदम जैसे कर संग्रह में सुधार, खर्चों में कटौती और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की कोशिशों से देश की राजकोषीय सेहत बेहतर हो रही है। हालांकि, ऋण-सेवा (debt servicing) की लागत अभी भी ऊंची बनी हुई है, फिर भी सरकार के प्रयासों से वित्तीय अनुशासन मजबूत हुआ है।

IMF प्रोग्राम बना सहारा

सितंबर 2024 में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 अरब डॉलर की सहायता मिली थी। यह सहायता विस्तारित फंड सुविधा (EFF) के तहत दी गई थी, जिससे अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद मिली। इस सहयोग से विदेशी भंडार को मजबूती मिली और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा।

जीडीपी में सुधार के संकेत

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने दो साल के संकुचन के बाद फिर से रफ्तार पकड़ी है। वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था 2.7% बढ़ी, जिसका श्रेय उद्योग और सेवा क्षेत्रों की तेजी को जाता है। एसएंडपी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 3.6% हो सकती है।

सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियां बरकरार

हालांकि आर्थिक संकेतकों में सुधार दिख रहा है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और आम जनता के बीच सरकार की मितव्ययता नीति को लेकर विरोध चिंता का विषय बना हुआ है। करों में बढ़ोतरी और खर्चों में कटौती पर जनता की नाराजगी सामने आ सकती है, जिससे सुधारों की गति प्रभावित हो सकती है।

भारत की रेटिंग पर भी बयान

एसएंडपी ने भारत के लिए भी रेटिंग पर अपडेट दिया है। भारत की सॉवरेन रेटिंग "BBB-" पर बरकरार रखी गई है, लेकिन परिदृश्य को ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ कर दिया गया है। यह निर्णय आम चुनावों से पहले लिया गया था, जो देश की स्थिर आर्थिक नीति और संभावित राजनीतिक मजबूती को दर्शाता है।

दोनों देशों पर नकारात्मक असर

एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बनी रहने वाली शत्रुता से दोनों देशों की ऋण स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यदि राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं, तो इसका असर विदेशी निवेश, व्यापार और आर्थिक विकास पर पड़ सकता है।

यह रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए उम्मीद की किरण

बहरहाल एसएंडपी की रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। जहां एक ओर विदेशी भंडार और अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं, वहीं सरकार को अब राजनीतिक स्थिरता और जनता के विश्वास को भी बनाए रखना होगा। यदि पाकिस्तान इन सुधारों की दिशा में आगे बढ़ता रहा, तो देश की वित्तीय स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।