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GST बिल पास होने से रियल स्टेट कारोबारियों में दौड़ी खुशी की लहर

कांग्रेस और गैर कांग्रेसी पार्टियों के साथ सहमति बनने के बाद आखिकार राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया। सरकार अगर इस बिल को 2016 से लागू कर देती है तो हर सामान और हर सेवा एक्साइज, सर्विस टैक्स के साथ अन्य कई तरह के टैक्स की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा।

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Ambuj Shukla

Aug 05, 2016

कांग्रेस और गैर कांग्रेसी पार्टियों के साथ सहमति बनने के बाद आखिकार राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया। सरकार अगर इस बिल को 2016 से लागू कर देती है तो हर सामान और हर सेवा एक्साइज, सर्विस टैक्स के साथ अन्य कई तरह के टैक्स की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा।



जीएसटी बिल के पारित होने से रियल स्टेट सेक्टर में भी खुशी की लहर है। पिछले सत्र में रियल एस्टेट बिल पारित होने के बाद रियल स्टेट कारोबारियों को खासी उम्मीद थी कि इस सत्र में जीएसटी बिल पर सदन सकारात्मक कदम उठाएगा और बुधवार को यह सपना साकार हो गया। रियल स्टेट कारोबारियों का कहना है कि इस बिल ​से देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।



कन्स्ट्रक्शन कंपनी पैसिफिक डिवेलप्मन्ट कार्पोरेशन लि. के कार्यकारी निदेशक अभिषेक बंसल का जीएसट बिल के पास होने से ​रियल स्टेट सेक्टर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कहना है,'जीएसटी बल का पास होना डाइरेक्ट टैक्स रिफार्म्स की दिशा में निश्चित ही एक बड़ा कदम है।
इस बिल की मदद से एक तरफ जहां उपोक्ताओं के सामान्य दैनिक खर्चे में कमीं आएगी वहीं, इस बिल से देश के विभिन्न राज्यों में 'ईज आॅफ डूइंग बिजनेस' को गति मिलेगी तथा प्रक्रियाएं और पारदर्शी बनेंगी। इस बिल के पास हो जाने के बाद कई तरह के बहुत सारे टैक्स की जगह देशभर में सिंगल टैक्स देना होगा, जिसको समझना और लागू करना बहुत आसान हो जाएगा। रियल स्टेट सेक्टर में नए कन्स्ट्रक्शन्स को इस बिल का लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर जीएसटी बिल के पास हो जाने से देश तथा राज्यों की अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी।'



रियल स्टेट कारोबारियों का कहना है कि बिल के पास होने से पूरे देश में एकल कर प्रणाली हो जाएगी, जिससे न केवल कीमतें समान रहेंगी बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी जो निश्पक्ष व्यापार में सहायक होगी व रियल्टी सेक्टर को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।



वर्तमान समय में अलग अलग राज्यों में कर प्रणाली भी अलग है। डेवलपर्स विभिन्न राज्यों में प्रोजेक्ट निर्माण करते हैं, लेकिन टैक्स प्रणाली समान न होने की वजह से हर राज्य में कीमतें अलग अलग होती हैं। जीएसटी के लागू होने से कर प्रणाली सरल होगी, जिससे टियर 1 व टियर 2 शहरों में भी सस्ते दाम पर अच्छा निर्माणकार्य हो सकेगा।
निर्माण लागत में कमीं आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। रियल स्टेट कारोबारियों की माने तो जीएसटी लागू होने के बाद भवन निर्माण की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आने की उम्मीद है।

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