30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शेयर बाजार में रिस्क-रिटर्न के बीच संतुलन के लिए क्या है निवेश का बेस्ट ऑप्शन?

निवेश शुरू करने के लिए कभी कोई समय ‘सही’ समय नहीं होता है और बाजार के स्थिर होने का इंतजार करने का मतलब अक्सर अवसरों को खोना होता है। ये बातें राजस्थान पत्रिका से खास बातचीत में बजाज फिनसर्व एएमसी के एमडी गणेश मोहन ने कहीं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashish Deep

Jun 02, 2025

मार्केट चढ़े चाहे गिरे SIP से निवेश में है कम जोखिम।

बजाज फिनसर्व एएमसी के एमडी गणेश मोहन ने बताया कि जब शेयर बाजार में उठापटक हो तो एसआईपी सही हैं। ये बिल्कुल इसी तरह के माहौल के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये बाजार के स्तरों की परवाह किए बिना लगातार निवेश करके अस्थिरता के प्रभाव को कम करते हैं और लॉन्ग टर्म में मजबूत रिटर्न दे सकते हैं। गणेश मोहन से खास बातचीत के प्रमुख अंश…

बाजार में उठापटक में सबसे अच्छा तरीका स्थिर बने रहें

अभी सबसे अच्छा तरीका यह है कि स्थिर बने रहें। जल्दबाजी में कोई प्रतिक्रिया देने (शेयर खरीदने-बेचने का फैसला लेने) से बचें। स्थिर बने रहने का एक तरीका है लार्जकैप फंडों पर ध्यान केंद्रित करना, जो मजबूत बैलेंसशीट वाली स्थापित कंपनियों में निवेश करते हैं। डायवर्सिफिकेशन सफलता की कूंजी है, इसलिए निवेशकों को निवेश इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड्स में करना चाहिए। जो लोग अस्थिरता से बचना चाहते हैं, उनके लिए एसआइपी से निवेश सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। डायनेमिक एसेट एलोकेशन और मल्टी-एसेट फंड्स भी सहायक होंगे।

लिक्विड और शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड्स ठीक रहेंगे

यह निवेशकों के वित्तीय लक्ष्यों और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। यह शॉर्ट टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं और कोई जोखिम नहीं चाहते तो लिक्विड और शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड्स ठीक रहेंगे। मध्यम जोखिम और संतुलति रिटर्न चाहने वाले लोगों के लिए हाइब्रिड फंड इक्विटी, डेट और सोने-चांदी का अच्छा मिश्रण प्रदान कर सकते हैं। जो अभी करियर शुरू कर रहे हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, उन्हें अभी फ्लेक्सी कैप या लार्ज-मिड और स्मॉलकैप फंड पर विचार करना चाहिए। जबकि बच्चों की शिक्षा या सेवानिवृत्ति की योजना बनाने वाले लोग लक्ष्य-आधारित फंडों पर विचार कर सकते हैं।

वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रति कम संवेदनशील

निवेशक ऐसे स्टॉक्स और इक्विटी फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं जो मुख्य रूप से भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर बनाए गए व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। साथ ही जो वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रति कम संवेदनशील हैं और जिनका एक्सपोजर अमरीकी बाजार में कम है।