
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है जो चेक बाउंस मामलों के जल्द निपटाने का काम करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सरकार के बीच सहमति बनने के बाद लिया है।सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का करीब 60 फीसदी हिस्सा निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट (NI Act) से जुड़े केसेज का है।
इसके बाद CJI बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इसके लिए निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत आपराधिक मामलों की शीघ्र सुनवाई से संबंधित मामलों पर विचार किया और लंबित चेक बाउंस मामलों के जल्द निपटारे के मद्देनजर एक समिति का गठन किया है।
यह समिति राज्य सरकारों समेत अन्य हिस्सेदारों से मिले सुझावों पर गौर करके तीन माह में सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।इस समिति में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय विभाग समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी इस समिति में शामिल रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक इस समिति की अध्यक्षता जस्टिस सेवानिवृत्त आरसी चौहान कर रहे हैं। इसमें वित्तीय सेवा विभाग से अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी, न्याय विभाग, कॉर्पोरेट मामलों के विभाग, व्यय विभाग, गृह मंत्रालय के अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे।
इसके अलावा इसमें एक अन्य सदस्य आरबीआई गवर्नर द्वारा नामित एक सदस्य होगा वहीं Indian Banking Association अध्यक्ष द्वारा नामित एक अन्य सदस्य भी समिति में रहेगा।
बता दें देश में चेक बाउंस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फिलहाल इनकी संख्या 35 लाख के पार पहुंच गई है। चेक बाउंस के नियम पहले से ही कड़े हैं लेकिन फिर भी मामलों में कमी नहीं दिख रही है।इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए समिति बनाने का फैसला किया है।
Published on:
10 Mar 2021 06:01 pm
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