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रेलवे का यह कदम बढ़ाएगा एयर पैसेंजर्स की संख्या

रेलवे बोर्ड के फॉर्मूले के अनुसार हर 10 फीसदी ट्रेन बर्थ के बिकने के साथ ही बेस फेयर में 10 फीसदी का इजाफा हो जाएगा...

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Pritesh Gupta

Sep 10, 2016

Air Indian Railway

Air Indian Railway

नई दिल्ली. राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में सर्ज प्राइसिंग सिस्टम लागू होने से रेल यात्रियों का झुकाव एयरलाइंस की तरफ बढ़ना तय है। इससे लगातार बढ़ रहे नागर विमानन सेक्टर को और बूस्ट मिलेगा। शुक्रवार से इन ट्रेनों में सर्ज फेयर लागू हो गया है। रेलवे बोर्ड के फॉर्मूले के अनुसार हर 10 फीसदी ट्रेन बर्थ के बिकने के साथ ही बेस फेयर में 10 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। हालांकि अधिकतम फेयर की कैपिंग तय की गई है और यह बेस फेयर के 1.5 गुना से अधिक नहीं हो सकता। इसका मतलब है कि आधे बर्थ को इस रेट पर बेचा जाएगा।

सेकंड एसी के बराबर राजधानी का किराया

रेलवे द्वारा फेयर बढ़ाने के बावजूद एयर इंडिया ने कहा है कि वह लास्ट मिनट फेयर यानी रवाना होने से चार घंटे पहले बुक कराए जाने वाले टिकट का किराया नहीं बढ़ाएगी। एयर इंडिया के ये टिकट राजधानी के एसी 2 के लगभग बराबर हैं। इस तरह अगर कोई दिल्ली से बेंगलुरु के लिए एयर इंडिया का टिकट फ्लाइट रवाना होने से चार घंटे पहले खरीदता है तो वह टिकट रेलवे के सेकंड एसी के टिकट से 1530 रुपए सस्ता मिलेगा। एयर इंडिया का कन्फर्म टिकट जहां आपको 4095 रुपए में मिलेगा, वहीं सेकंड क्लास एसी का टिकट 5626 रुपए का आएगा।

...इसलिए बढ़ रहा झुकाव

अन्य एयरलाइंस कंपनियां भी लगभग एयर इंडिया की कीमत पर ही टिकट उपलब्ध करा रही हैं। दूरंतो का किराया राजधानी के लगभग बराबर है। एक्सपर्ट का कहना है कि ट्रेन और एयर फेयर में अंतर लगभग 800 रुपए हो जाने से लोगों का एयरलाइंस की तरफ झुकाव पहले ही बढ़ चुका है। सर्ज प्राइसिंग सिस्टम से यह झुकाव और बढ़ जाएगा। सिविल एविएशन इंडस्ट्री के लिए यह अच्छी खबर है।

एयर पैसेंजर्स की संख्या 20 फीसदी बढ़ी

एयरलाइंस कंपनियों के पैसेंजर की संख्या में 20 फीसदी से अधिक का इजाफा हो रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। आने वाले दिनों में ऑयल कीमतें अगर कम रहती हैं तो एयरलाइंस किराए में और कमी आ सकती है। हां यहां यह भी सच है कि इसका रेलवे पर बहुत असर नहीं होगा, क्योंकि प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने वालों की संख्या रेलवे के कुल यात्रियों की तुलना में काफी कम है। हालांकि माना जा रहा है कि कम से कम 10 फीसदी यात्री एयरलाइंस की तरफ शिफ्ट करेंगे।