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नोएडा में 50000 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द, जानें क्या है पूरा मामला

अभी तक नोएडा में पुरानी गाड़ियों को चलाने पर कोई पाबंदी नहीं थी लेकिन अब 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी को निकालने से पहले आपको सोचना पड़ सकता है ।

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नई दिल्ली: पॉल्यूशन को कम करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है । इसी कड़ी में अब एक नया फैसला लिया गया है। वैसे तो सरकार दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पहले ही रोक लगा चुकी है लेकिन दिल्ली से जुड़े गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों में पुरानी गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ती हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा ।

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50000 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द-

दरअसल नोएडा अथॉरिटी ने सख्त कदम उठाते हुए नोएडा में चलने वाली 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी (Diesel vehicles) और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों (Petrol vehicles) के 50000 रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिये हैं। यानि अगर आपने भी अपनी डीजल गाड़ी 2009 और पेट्रोल गाड़ी 2004 के आस-पास खरीदी है तो आपकी गाड़ी को सड़क पर चलाना खतरे से खाली नहीं होगा ।

बता दें एनजीटी ने अप्रैल 2015, में पहली बार डीजल व्हीकल्स पर बैन का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर सख्ती दिखाते हुए सरकार पर इस नियम को लागू करने का दबाव बनाया था। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने इस तरह के वाहनों पर रोक लगा दी थी।

यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि दिल्ली में 40 लाख ऐसी गाड़ियां हैं जो 10-15 साल पुरानी हो चुकी हैं।

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बिना इजाजत के कबाड में नहीं दे सकते गाड़ी-

सरकार ने इन पुरानी गाड़ियों के लिए स्क्रैपिंगका नियम बनाया है। और इस नए स्क्रैपिंग नियम के मुताबिक, कोई भी गाड़ी मालिक अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़े में नहीं बेच सकता बल्कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा लाइसेंस प्राप्त करने वाले कबाड़ी वाले को ही ये गाड़ी दी जा सकती है। दरअसल सरकार हर गाड़ी का स्क्रैप करते हुए पूरा रिकॉर्ड संभालकर रखने के लिए ऐसा कदम उठा रही है।