जानें क्यों बंद करना पड़ा Hero Honda Karizma और Hero Xtreme Sports का प्रोडक्शन जैगुआर लैंड रोवर ने अपनी इस ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक कार को ब्रिटेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में पेश किया। इसके अलावा कंपनी ने कार को मिडिल ब्रिटेन के वारविक यूनिवर्सिटी स्थित कंपनी के इनोवेशन सेंटर में डेवेलप किया है। प्रिंस चार्ल्स ने इस इनोवेश सेंटर की शुरुआत की थी और इसे बनाने में करीब 1390 रुपये का खर्च आया था। यह सेंटर करीब 33 हजार स्कवॉयर मीटर में फैला हुआ है।
BS4 कारों पर मिल रहा पूरे 5 लाख तक का बंपर डिस्काउंट, 1 अप्रैल से पहले खत्म करना है स्टॉक इस वाहन में एस-शेप्ड के जोड़े में स्थापित 8 मॉड्यूलर सीटों की दो पंक्तियां होती हैं जो प्रत्येक व्यक्ति की गोपनीयता को अधिकतम करने के लिए विपरीत दिशाओं का सामना करती हैं।
हाईटेक गैजेट्स से कारों की सुरक्षा में सेंध लगा रहे चोर, ऐसे रख सकते हैं सुरक्षित जैगुआर लैंड रोवर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) राल्फ स्पेथ ने कहा, “इस प्रोजेक्टर वेक्टर ने जैगुआर लैंड रोवर को एक इनोवेशन लीडर के तौर पर पेश किया है और यह हमारे समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बनाते हैं और पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाते हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हम शिक्षा, सप्लाई चेन और डिजिटल सर्विस में सबसे उज्जवल दिमागों के साथ सहयोग कर रहे हैं ताकि कनेक्टेड और इंटीग्रेटेड मोबिलिटी सिस्टम को बना सकें।”
Karizma के बाद Xtreme को भी बंद कर रही हीरो मोटोकॉर्प, कम बिक्री बनी वजह इस प्रोजक्ट वेक्टर कॉन्सेप्ट में कंपनी ने मैनुअल कंट्रोल्स भी शामिल किए हैं, लेकिन जैगुआर लैंड रोवर का कहना है कि यह पहले से ही ‘ऑटोनॉमस रेडी’ है। यानी इस वाहन को ड्राइवर के साथ मैनुअल या फिर ड्राइवर लेस ऑटोनॉमस तरीके से भी चला सकते हैं।