
nitrogen in tyre
नई दिल्ली: कार या बाइक के टायर्स में हवा भरवाने का काम तो सभी करते हैं लेकिन अक्सर आपने पंप पर लोगों को टायर में नाइट्रोजन एयर भरवाने के बारे में सुना होगा। खास तौर पर जब एक्सप्रेस वे या हाइवे पर चलना हो तो लोग टायरों में नॉर्मल हवा की जगह नाइट्रोजन गैस भरने की सलाह देते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों टायर्स में नॉर्मल हवा की जगह नाइट्रोजन एयर भरवाने के लिए कहा जाता है।
नाइट्रोजन गैस के फायदे- नाइट्रोजन गैस रबर की वजह से टायर में कम बढ़ पाती है, जिसकी वजह से टायर में प्रेशर ठीक रहता है। इसलिए फॉर्मूला वन रेसिंग कारों के टायर्स में नाइट्रोजन गैस ही भरी जाती है। जब टायर में नाइट्रोजन भरी जाती है तो इससे टायर के अंदर के ऑक्सीजन डाल्यूट हो जाते हैं, ऑक्सीजन में मौजूद पानी खत्म हो जाता है और रिम भी सुरक्षित रहते हैं।
साधारण हवा में एक समस्या ये होती है कि आर्द्रता की वजह से ये फैलती है। टायर को नुकसान होता है, वहीं इसमें मौजूद वेपर टायर में ज्यादा प्रेशर डालते हैं, टायर की रिम पर भी बुरा असर होता है।आपको बता दें कि साइंस के हिसाब से नाइट्रोजन गैस टायर को गर्मियों के मौसम में ठंडा रखती है। साइंस के अनुरूप बात करें तो हमारे आसपास मौजूद हवा में नाइट्रोजन गैस 78 प्रतिशत है, 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है और बाकि 1 प्रतिशत में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस हैं। सभी गैसें गर्मी में फैल जाती हैं और ठंड में सिकुड़ जाती हैं। कुछ ऐसा ही टायर की हवा में भी होता है, जिससे गर्मियों के मौसम में टायर पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसलिए गर्मियों के मौसम में टायर की हवा को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए।
Updated on:
11 Feb 2020 02:41 pm
Published on:
11 Feb 2020 02:36 pm
बड़ी खबरें
View Allकार रिव्यूज
ऑटोमोबाइल
ट्रेंडिंग
