
नई दिल्ली: प्रदूषण के मामले में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री हमेशा से रडार पर रहता है । पर्यावरण दूषित करने के लिए हमेशा वाहन निर्माता कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। चाहें वह उत्सर्जन हो, जीवाश्म ईंधन को समाप्त करना या ध्वनि प्रदूषण को जोड़ना हो, हमेशा से ही कारों को ही सॉफ्ट टार्गेट रखा जाता है। यही वजह है कि कंपनियां अब प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए कोशिशें तेज कर रही है। इसके लिए कार निर्माता कंपनियां सरकार के आगामी उत्सर्जन मानकों, ईंधन दक्षता मानदंड़ों और इलेक्ट्रिफिकेशन का पालन कर रही है। इसी के मद्देनजर टोयोटा और महिंद्रा ने एक बड़ा फैसला लिया है। इन दोनों कंपनियों ने फैसला किया है कि ये अपने मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में सिंगल प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगी।
ट्वीट कर दी जानकारी-
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर, पवन गोयंका ने ट्वीट करते हुए कहा, "महिंद्रा एंड महिंद्रा के सभी 15 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट इस साल के अंत तक प्लास्टिक का सिंगल इस्तेमाल करना भी बंद कर देंगे।" यह कदम महत्वपूर्ण भी माना जा रहा है खासकर महिंद्रा फोर्ड इंडिया के साथ संचालन में भागीदारी कर रही है।
वहीं टोयोटा के मैनेजिंग डायरेक्टर, Masakazu Yoshimura ने एक रीसाइक्लिंग-आधारित समाज और सिस्टम स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहै है कि, "हमारे वैश्विक टोयोटा पर्यावरण चैलेंज 2050 के अनुरूप और एकल-उपयोग प्लास्टिक की खपत को सीमित करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री के राष्ट्रव्यापी अभियान के साथ गठबंधन करते हुए हमने अपने हितधारकों को कम करने, रीसाइकिंग करने और पुन: उपयोग के लिए प्रोत्साहित करते हुए एक कदम के रूप में कई पहलें लागू की हैं। ताकि हमें बेहतर कल मिल सके।"
Updated on:
03 Oct 2019 04:04 pm
Published on:
03 Oct 2019 04:03 pm
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