
नई दिल्ली : घर से निकलने वाले हर इंसान को पता है कि काम के लिए अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने से ज्यादा थकान रास्ते में मिलने वाले ट्रैफिक से होती है। ये ट्रैफिक जाम इतना थकावट भरा होता है कि कई बार लोगों के गुस्से का कारण बन जाता है शायद यही वजह है कि आए दिन हमें रोड रेज की घटनाएं सुनने में आती है।
आपको बता दें कि ट्रैफिक जाम से संबंधित एक चौंकाने वाली खबर आई है। टाटा साल्ट लाइट द्वारा किये गए ‘एज ऑफ रेज’ नाम के सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे हुए ।
इस सर्वे में 10 महानगरों के लोगों ने भाग लिया है। सर्वे में 56 फीसदी लोगों ने माना कि वो ट्रैफिक जाम की वजह से ऑफिस पहुंचने में लेट हो जाते हैं। वहीं 20 फीसदी लोगों ने माना कि उनके गुस्से और तनाव का मुख्य कारण ट्रैफिक है और साथ ही लोगों ने माना कि रोज-रोज का ट्रैफिक जाम उनके गुस्से की भी वजह बनता है और वो ऐसे हालात में ट्रैफिक पुलिस और आस-पास वालों से लड़ने से भी बाज नहीं आते।
आपको बता दें कि भारत की 89 फीसदी जनता ये मानती है कि नो डिप्रेशन के शिकार हैं। तनाव और चिंता से घिरा व्यक्ति आमतौर पर अपना गुस्सा दूसरों पर उतारता है। सर्वे के मुताबिक 16 फीसदी लोग अपना गुस्सा ट्रैक्सी ड्राइवर्स और ट्रैफिक पुलिस पर उतारते हैं।
यहां ध्यान देने लायक बात ये है कि ट्रैफिक जाम की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारी की शिकायत हो जाती है। दरअसल शरीर में मेलाटोनिन की मात्रा बढ़ने लगती है और ट्रैफिक में फंसे रहने की वजह से क्लौस्ट्रोफोबिया होता है, जिससे लोग तनाव और गुस्से का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से लोगों को हार्ट प्रॉब्लम हो जाती है।
सर्वे के मुताबिक 16 फीसदी लोग अपना गुस्सा ट्रैक्सी ड्राइवर्स और ट्रैफिक पुलिस पर उतारते हैं।
Updated on:
27 Aug 2019 03:14 pm
Published on:
27 Aug 2019 03:11 pm
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