
टीएसी को हेमंत सरकार ने राज्यपाल की भूमिका से हटा अपने अधिकार में कर लिया: अरुण उरांव
झारखंड में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ अरुण उरांव ने हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा। डॉ उरांव ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि हेमंत सरकार सोची समझी रणनीति के तहत सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव ला रही है। इनकी मंशा आदिवासी समाज के कल्याण की नहीं है। आदिवासी समाज के किसी सामाजिक धार्मिक संगठन ने सीएनटी एक्ट में संशोधन की बात नहीं उठाई है।
पद और पावर को किया दुरूपयोग
डॉ उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पद और पावर का दुरुपयोग कर आदिवासियों की जमीन अपने व परिवार के नाम करवाई है। रांची, रामगढ़, बोकारो से लेकर दुमका तक शिबू सोरेन परिवार ने जमीन ली है जो सीएनटी एसपीटी का खुला उल्लंघन है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस अवैध जमीन के नियमतीकरण के लिए टीएसी को हथियार बनाया है। उन्होंने कहा कि टीएसी को हेमंत सरकार ने राज्यपाल की भूमिका हटाकर पहले ही अपने अधिकार में कर लिया है ताकि अपने हिसाब से निर्णय कराया जा सके।
व्यावसायिक उपयोग की छूट नही दी जाए
डॉ उरांव ने कहा कि चार वर्षों के बाद आज सीएनटी में संशोधन की याद आ रही जबकि पुरवर्ती रघुवर सरकार के संशोधन पर जमीन आसमान एक करने वाले यही झामुमो कांग्रेस और राजद के लोग शामिल थे।
हेमंत सरकार यदि परिवर्तन चाहती है तो पहले इस संबंध में समाज के विभिन्न वर्गो के बीच व्यापक विमर्श कराए, सीएनटी मामलों से जुड़े विधि विशेषज्ञों से सलाह ले तभी संशोधन का प्रस्ताव लाए। आनन फानन में लाया गया प्रस्ताव जनजाति समाज को मंजूर नहीं होगा। सीएनटी एक्ट में संशोधन केवल आवास निर्माण के लिए ही दिए जाने तक विचारणीय हो तथा व्यावसायिक उपयोग की छूट नही दी जाए।
Published on:
24 Nov 2023 07:05 pm
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