रिपोर्ट के अनुसार घटना में घायल हुए कलैसेल्वम को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब वे खतरे से बाहर है। अंबुमणि ने कहा पिछले कुछ सालों में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों पर हमला करने की प्रक्रिया में तेजी से वृद्धि हुई है। वहीं पिछले दो महीने के अंदर यह सातवें मछुआरे पर हमला करने का मामला सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार का विरोध नहीं करने की वजह से श्रीलंकाई नौसेना द्वारा लगातार हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले से मछुआरों के नाव और जाल क्षतिग्रस्त होने के साथ ही उनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मछुआरों पर इस तरह का हमला अपराध है। इस तरह की गोलीबारी के खिलाफ भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता भी हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारतीय कोस्ट गार्ड श्रीलंकाई को पकडऩे के बाद उन पर हमला नहीं करते हैं, बल्कि गिरफ्तार कर सम्मानजनक व्यवहार करते हैं। लेकिन श्रीलंकाई नौसेना ऐसा नहीं बल्कि हमला करते हैं, जो कि निदंनीय है। फायरिंग करने वाले नौसेना को छोड़ा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर विदेश मत्रालय को शांत नहीं बैठना चाहिए, बल्कि श्रीलंकन हाई कमिशन को नोटिस भेज कर इसका विरोध करना चाहिए।