
कृषि भूमि पर मीटर लगाना बंद करे राज्य सरकार: ओपीएस
चेन्नई. एआईएडीएमके समन्वयक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से कृषि भूमि पर बिजली मीटर लगाने के केंद्र के मानदंड को रद्द करने का आग्रह किया। यहां जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा एआईएडीएमके संस्थापक एमजी रामचंद्रन द्वारा तमिलनाडु में छोटे किसानों के लिए मुफ्त करंट का प्रावधान पेश किया गया था।
उसके बाद से अब तक मुफ्त बिजली आपूर्ति जारी है। वर्ष 2004 में तत्कालीन डीएमके विधायक ईवी वेलु ने कृषि भूमि पर बिजली मीटर लगाने के लिए राज्य सरकार पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि यह कदम भविष्य में किसानों से शुल्क लेने के लिए उठाया जा रहा है। उसके जवाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने कहा था कि मीटर लगाने का उद्देश्य किसानों द्वारा बिजली की खपत पर डेटा मूल्यांकन करना है। स्पष्टीकरण के बावजूद डीएमके ने इस कदम के लिए सरकार का विरोध किया था।
लेकिन अब स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार चोरी चोरी कृषि भूमि में बिजली मीटर लगाने का काम कर रही है। डीएमके को अपने बयानों को बदलने की आदत है। विपक्ष में रहने के दौरान पार्टी जिसका विरोध करती है सत्तारूढ़ दल के रूप में उसी का खंडन करती हैं। ऐसी परिस्थिति में मैं स्टालिन से टीएनईबी को बिजली मीटर लगाने के निर्देश देने वाले केंद्रीय मानदंडों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
विपक्ष में रहने के दौरान पार्टी जिसका विरोध करती है सत्तारूढ़ दल के रूप में उसी का खंडन करती हैं। ऐसी परिस्थिति में मैं स्टालिन से टीएनईबी को बिजली मीटर लगाने के निर्देश देने वाले केंद्रीय मानदंडों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
Published on:
28 Dec 2021 05:24 pm
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