पार्टी के संस्थापक एस. रामदास का कहना है कि निकाय चुनाव की तारीख हाईकोर्ट द्वारा रद्द करने के बाद सरकार के पास तीन माह का समय था दिसम्बर में चुनाव कराने के लिए लेकिन सरकार इसे टालने की कोशिश कर रही है। लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और सरकारी परियोजनाओं का स्थानीय स्तर तक लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय निकायों का गठन किया था जिसकी शासन व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों के बजाय जन प्रतिनिधि को दी गई है लेकिन तमिलनाडु सरकार इस व्यवस्था को बदलने के प्रयास में है।