50 से 300 यूनिट तक की खपत पर प्रति यूनिट 18 पैसे और प्रति कनेक्शन 5 रुपए का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं को उठाना होगा। इस वृद्धि से प्रत्येक 100 यूनिट की खपत पर उपभोक्ताओं को औसतन 23 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे।
बिजली उपभोक्ताओं को अब पहले से अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि बिजली कंपनी द्वारा टैरिफ में की गई बढ़ोतरी लागू हो चुकी है। नई दरों के अनुसार 50 से 300 यूनिट तक की खपत पर प्रति यूनिट 18 पैसे और प्रति कनेक्शन 5 रुपए का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं को उठाना होगा। इस वृद्धि से प्रत्येक 100 यूनिट की खपत पर उपभोक्ताओं को औसतन 23 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे।
वर्तमान में 50 यूनिट तक बिजली की दर 4.27 रुपए प्रति यूनिट थी, जो अब बढकऱ 4.45 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। साथ ही, फिक्स चार्ज 71 रुपए से बढ़ाकर 76 रुपए कर दिया गया है। बिजली की अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी राहत नहीं मिली है, 300 यूनिट से ऊपर खपत पर दर 6.80 रुपए से बढकऱ 6.98 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है।
टैरिफ का असर उपभोक्ताओं पर कैसे पड़ेगा?
-अगर आपकी मासिक खपत 100 यूनिट तक है, तो शासन की एक रुपए प्रति यूनिट की छूट से आपका बिल 100 रुपए ही बनेगा।
-150 यूनिट तक की खपत पर पहले 100 यूनिट पर 100 रुपए का बिल और शेष 50 यूनिट पर बढ़े हुए दर से बिल बनेगा, जिससे कुल बिल करीब 500 रुपए तक पहुंचेगा।
10 किलोवाट भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं को अब टाइम ऑफ द डे टैरिफ में शामिल किया गया है। इसके तहत सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली 20 प्रतिशत सस्ती दर पर दी जाएगी। जबकि सुबह 6 से 9 बजे और शाम 6 से रात 10 बजे तक, नॉन सोलर टाइम में बिजली 20 प्रतिशत अधिक दर पर मिलेगी। यह नई व्यवस्था स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं पर भी लागू होगी।
छतरपुर जिले में लगभग 44,500 घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से अधिकांश उपभोक्ता 100 रुपए प्रति माह की दर से बिल भरने की श्रेणी में आते हैं। लेकिन आंकड़ों के मुताबिक, इस श्रेणी में आने वाले सिर्फ 25 प्रतिशत उपभोक्ता ही नियमित बिल जमा कर रहे हैं, जबकि 75 प्रतिशत उपभोक्ता सब्सिडी या मुफ्त बिजली का फायदा उठा रहे हैं।
बिजली दरों में औसतन 3.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, उपभोक्ताओं को न्यूनतम भार के शुल्क से मुक्त कर दिया गया है, जिससे छोटे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलेगी। छतरपुर विद्युत विभाग के डीई अमर श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली दरें नियामक आयोग के टैरिफ निर्धारण के सात दिन बाद लागू होती हैं। नई दरें लागू हो चुकी हैं और अप्रेल माह से उपभोक्ताओं के बिल पर असर दिखना शुरू हो गया है।