ले-वाई और डोरमेट्री एरिया में ही कर सकते हैं पार्क, वाहन खराब होने पर रेडियम कोन लगाना जरूरी
फोरलेन पर बनाए गए ले वाई और डोरमेट्री इलाके में ही वाहन पार्क किए जा सकते हैं। लेकिन यदि वाहन रास्ते में वाहन खराब हो जाए तो हर वाहन में प्लास्टिक के रेडियम लगे कोन होना आवश्यक है। वाहन खराब होने पर इन कोन को गाड़ी के तीनों कोने पर रखे जाने पर दूसरे वाहन के चालक को दूर से नजर आ जाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका नहीं रहती, लेकिन देखने में आ रहा है कि भारी वाहन के चालक गाड़ी खराब होने पर सडक़ पर टायर रख देते हैं, जो दूसरे वाहन चालक को नजर नहीं आते, जिसकी वजह से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। एनएचएआई के जीम ने बताया कि हर गाड़ी में कम से कम 3 प्लास्टिक रेडियम लगे कोन होना जरूरी हैं।
गाड़ी खराब होने पर मदद के लिए कॉल बेल व ट्रोल फ्री नंबर
हाइवे पर गाड़ी खराब होने पर चालक एनएचएआइ की पेट्रोलिंग गाडिय़ों से मदद ले सकते हैं। इसके लिए झांसी- खजुराहो फोरलेन पर राहगीरों को मदद पहुंचाने के लिए प्रति दो किलोमीटर पर इमरजेंसी कॉल बेल सिस्टम खड़ा किया गया है। फोरलेन पर प्रति दो किलोमीटर पर टेलीफोन लगाए गए हैं। इसके अलावा 1033 नंबर पर कॉल करके दिल्ली के सेंट्रल नंबर के जरिए भी फोरलेन पर सहायता पाई जा सकती है। टोल प्लाजा पर एक एंबुलैंस एक क्रेन 24 घंटे तैनात रहती है।
पहले वाहन हटाने तक सीमित था अधिकार
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) ने हाइवे पर होने वाली अवैध पार्किंग को रोकने के लिए नए नियम कड़े बनाए हैं। ताकि अवैध पार्किंग से हादसे न हो। इस नियम के तहत हाइवे प्राधिकरण कानून तोडऩे वालों के वाहनों को जब्त कर सकता है और वाहनों को नीलाम भी कर सकता है। दो साल के पहले तक एनएचएआई को हाइवे या सर्विस लेन पर अवैध तरीके से पार्क किए वाहनों पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं था। एनएचएआई या तो वाहनों को उठा सकता था या फिर उन्हें किनारे कर सकता था।
इनका कहना है
कंट्रोल ऑफ नेशनल हाइवे (लैंड एंड ट्रैफिक) एक्ट, 2002 के सेक्शन 37 के तहत नेशनल हाइवे पर अवैध पार्किंग करने पर वाहन नीलाम करने का प्रावधान है। इसके लिए हमें अधिकार मिले हैं। हम वाहन सीज कर नीलामी की प्रक्रिया खुद कर सकते हैं।
पीएल चौधरी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई