शहर के सटई रोड और गौरैया रोड क्षेत्र अवैध रेत के जगह-जगह डंप लगाए गए हैं। ये रेत आसपास के नालों और अवैध खदानों से मिट्टी धोकर तैयार की जाती है और फिर उसे शहर के अलग-अलग स्थानों पर जमा करके ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है।
शहर और आसपास के इलाकों में नालों की मिट्टी धोकर रेत तैयार कर खुलेआम बेची जा रही है। इस अवैध कारोबार ने न केवल निर्माण की गुणवत्ता खराब हो रही है। साथ ही शासन को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। शहर के सटई रोड और गौरैया रोड क्षेत्र अवैध रेत के जगह-जगह डंप लगाए गए हैं। ये रेत आसपास के नालों और अवैध खदानों से मिट्टी धोकर तैयार की जाती है और फिर उसे शहर के अलग-अलग स्थानों पर जमा करके ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रेत न सिर्फ निजी मकानों बल्कि शासकीय निर्माण जैसे सडक़, नाली और इमारतों में भी इस्तेमाल की जा रही है। इसके कारण कुछ ही महीनों में नए बने मकानों की छतों में दरारें पड़ रही हैं और दीवारें कमजोर हो रही हैं।
मौके पर देखने पर पता चलता है कि गौरैया रोड और सटई रोड पर कई जगह बड़े-बड़े रेत के डंप खुलेआम पड़े हुए हैं। बारिश के मौसम में नदियों से रेत निकालना मुश्किल होता है, इसलिए रेत माफियाओं ने पहले से ही भारी मात्रा में रेत का भंडारण कर लिया है। प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वे दिन-दहाड़े यह कारोबार चला रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब भी इस पर सवाल उठते हैं, विभागीय अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
निवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इन अवैध डंपों को तुरंत जब्त किया जाए और इस काम में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही सरकारी निर्माण में उपयोग होने वाली रेत की गुणवत्ता की भी जांच करवाई जाए, ताकि आने वाले समय में शहर के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। लोगों का कहना है कि यदि यह अवैध कारोबार इसी तरह चलता रहा तो न केवल शहर की सुंदरता और सुरक्षा पर असर पड़ेगा बल्कि जनता की मेहनत की कमाई से बनाए जा रहे मकानों और सरकारी परियोजनाओं की उम्र भी घट जाएगी। रेत के अवैध ट्रैक्टर ट्रॉली की बेलगाम रफ्तार व धमाचौकड़ी राहगीरों के लिए पहले से ही मुसीबत बनी हुई है।
इनका कहना है
रेत के अवैध भंडारण और परिवहन पर समय समय पर कार्रवाई की जाती है। जानकारी मिली है, कार्रवाई के निर्देश दे रहा हूं।अमित मिश्रा, डिप्टी डायरेक्टर, खनिज