नौगांव नगर से लगा भडार नदी का पुल जर्जर, रोजाना निकलते है ५ हजार वाहन
पत्रिका अभियान
छतरपुर. नौगांव शहर से गुजरे रीवा ग्वालियर नेशनल हाइवे के पुराने मार्ग पर 134 साल पुराना बिट्रिशकालीन पुल आज भी इस्तेमाल हो रहा है। वर्ष 1889 में पुल का निर्माण ठेकेदार राय साहब गंगाराम ने कराया था। भड़ार नदी पर लोहे के गार्डर, ईंट, चूना और पत्थरों से बना ब्रिटिश कालीन पुल जर्जर हो गया है। देखरेख के आभाव में ये पुल अंतिम सांसें गिन रहा है। लेकिन आज भी इस पुल पर रोजाना करीब ५000 भारी मालवाहक, बसें, कार और बाइकें गुजरती हैं। पुल में जगह-जगह दरारें दिखाई देने लगी हैं। जिम्मेदार लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं।
पुल की ईंटे तक गिरने लगी हैं
इस बने पुल के नीचे से ईंटें एवं प्लास्टर निकल गया था एवं पुल के अगल बगल का प्लास्टर भी झड़ चुका है। इसकी ईंटें निकल कर झडऩे लगी हैं। इस 134 साल पुराने पुल से रोजाना सैकड़ों भारी वाहन एवं हजारों छोटे वाहन गुजरते हैं। इस जर्जर हो चुके पुल पर से भारी वाहन निकलने पर हमेशा किसी हादसे का अंदेशा बना रहता है। इस पुल की दूसरी ओर कॉक्स डिस्लरी होने से इस पुल से आए दिन शराब से लदे भारी भरकर वाहन गुजरते हैं। पिछले कुछ वर्षो से पुल की हालत जर्जर हो जाने से पुल के निचले हिस्से से ईंटें निकल निकल कर नाले में गिरने लगी हैं। ऐसे नपा प्रशासन सहित लोकनिर्माण विभाग को कॉक्स डिस्लरी से निकलने वाले भारी भरकम वाहनों पर रोक लगानी चाहिए नहीं तो किसी दिन बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
अभी तक नहीं बन पाया झमटुली का पुल
गंज से देवरा जाने वाले मार्ग से गुजरने वाली बन्ने नदी का पुल पिछले साल बारिश में क्षतिग्रस्त हो गया था। हालांकि नए पुल का निर्माण शुरु किया गया है, लेकिन लेटलतीफी के चलते अब निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बारिश में पुल का इस्तेमाल बंद होने पर करीब 50 गांव का आवागमन प्रभावित होता है। इस इलाके के गांवों के रहवासियों और यहां तक आने वाले लोगों को 30 से 40 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है।
इनका कहना है
पुल का प्रस्ताव बनाकर पहले ही भेजा जा चुका है। चीफ इंजीनियर ने पुल का निरीक्षण भी किया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
रामदत्त मिश्रा, सब इंजीनियर, लोकनिर्माण विभाग