छिंदवाड़ा जिले के शहरी क्षेत्रों में जून के महीने में जल संकट और गहरा गया है। प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है
छिंदवाड़ा जिले के शहरी क्षेत्रों में इस समय जून के महीने में जल संकट और गहरा गया है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति परासिया की है। छह दिन के अंतराल में एक दिन बार पानी वितरित हो रहा है। दो से तीन दिन के अंतराल में न्यूटन, जुन्नारदेव, चांद में पानी देने की नौबत बन रही है। यहां पेयजल परिवहन की स्थिति है। निजी बोरवेल अधिग्रहण की स्थिति यह है कि परासिया के नगरीय क्षेत्र में बोरबेलों का अधिग्रहण कर रामपुरा टंकी के माध्यम से परासिया नगर में जल आपूर्ति की जा रही है। पेयजल स्थित डोह से पम्पिंग कर जल संग्रहण कर संबंधित वार्डों में पानी पहुंचाया जा रहा है।
अमरवाड़ा में बोर खनन कराने पत्र लिखा गया है। चांदामेटा में पेयजल संकट होने पर ट्रैक्टर से पानी ट्रैक्टर टैंकर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति जा रही है। दूसरे नगरीय निकायों में पेयजल संकट की स्थिति बन रही है।न्यूटन में यह हालत है कि पेंच नदी में अस्थायी कुण्डों का निर्माण एवं विभिन्न स्थलों पर एकत्रित पानी को पाइप लाइन में स्थापित सम्प के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। वेकोलि के सहयोग से एक पेयजल नलकूप का खनन किया गया है। साथ ही अमृत 2.0 के अधीन एक सामुदायिक कुएं का उन्नयन पूर्ण हो चुका है। इससे पेयजल आपूर्ति के लिए उपयोग किया जाएगा।
छह साल बाद बीती मार्च में हुई जिला योजना समिति की बैठक में परासिया विधायक सोहन बाल्मीक ने प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के समक्ष कोयलांचल में पेयजल संकट का मुद्दा उठाया। बताया कि परासिया में छह दिन के अंतराल में पानी मिल रहा है, तो वहीं न्यूटन चिखली में वेकोलि की खदानों की वजह से बोर सूख गए हैं। नए बांध संगम-2 से न्यूटन, बडक़ुही और परासिया को जोड़ देना चाहिए। इससे भविष्य में इस इलाके को पेयजल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।