शासन की मंशा पर निर्भर कलेक्ट्रेट बिल्डिंग शिफ्टिंग, जुलाई में भोपाल में साधिकार समिति की बैठक का इंतजार
कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग शिफ्टिंग का मामला टलता जा रहा है। इससे अधिकारी-कर्मचारी मुश्किल में हैं। वे आदेश का इंतजार कर रहे हैं। जुलाई में साधिकार समिति की बैठक संभव बताई जा रही है। तभी कुछ हो सकता है।कलेक्ट्रेट परिसर के ऑफिस के अधिकारी-कर्मचारियों ने अस्थायी ऑफिस के लिए पीजी कॉलेज साइंस भवन, मेडिकल कॉलेज और बादलभोई म्यूजियम के खाली भवन देख लिया है, जहां वे अपने दफ्तर स्थानांतरित करने वाले हैं। हाल ही में कलेक्टे्रट परिसर की नपाई भी कुछ कर्मचारियों ने की थी।
बताया गया है कि गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के अधीन पुनर्घनत्वीकरण नीति के तहत नवीन संयुक्त कलेक्टर भवन प्रस्तावित किया गया है। इस भवन में कलेक्ट्रेट भवन में मौजूद ऑफिस तो रहेंगे, साथ ही शहर के अलग-अलग कोने में बिखरे ऑफिसों को भी कक्ष मिलेगा। इस प्रोजेक्ट में मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन को तोडक़र नया भवन बनाया जाएगा।
मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन 1956 में बनाया गया था। उसके 70 साल बाद इस बिल्डिंग में लगातार टूट फूट हो रही है। मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन की ऊपरी तल के ऑफिस की छत जर्जर होने से टपक रही है। इस पर हर बारिश में त्रिपाल लगाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि कलेक्ट्रेट भवन को तोडक़र नया भवन बनाने की इस योजना में हाल ही में इंदौर के वास्तुकार आए थे, जिन्होंने इंदौर का कलेक्ट्रेट भवन भी बनाया है। इन्होंने मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन देखा और इसकी नपाई भी कराई। नया कलेक्ट्रेट भवन भी इंदौर की तर्ज पर होगा, जहां सभी ऑफिस को एक साथ स्थान दिया जाएगा।
अभी कलेक्ट्रेट के दफ्तरों को शिफ्ट करने के लिए कोई आदेश नहीं आए हैं। जब तक शासन नई कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के प्रस्ताव को स्वीकृत नहीं देता, कुछ नहीं कह सकते। अभी जुलाई में साधिकार समिति की बैठक होना है। तब कुछ आदेश आ पाएंगे।
-आरके कौशले,
कार्यपालन यंत्री, गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल