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श्री सांवलिया सेठ की दान पेटी से निकले 24.44 करोड़ नकद, 350 ग्राम सोना और 67 किलो चांदी, 5 चरणों में पूरी हुई गणना

सांवरिया सेठ को चढ़ावा मिलने की वजह कई मान्यताएँ हैं। व्यापारी उन्हें अपना व्यापारिक साथी मानकर पूजा करते हैं, जिससे उन्हें व्यापार में लाभ होता है।

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Sanwaliya Seth Mandir: मेवाड़ तीर्थ सांवलियाजी के दरबार में होली पर्व पर खोले गए भंडार की गणना पांच चरणों में पूरी हुई। मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर ने बताया कि गुरुवार को पांचवे चरण में दो करोड़ 44 लाख 79 हजार 700 रुपए की गणना हुई। इस प्रकार पांच चरणों में हुई गिनती से कुल 24 करोड़ 44 लाख 94 हजार 700 रुपए की नकदी प्राप्त हुई।

सांवरिया सेठ को चढ़ावा मिलने की वजह कई मान्यताएँ हैं। व्यापारी उन्हें अपना व्यापारिक साथी मानकर पूजा करते हैं, जिससे उन्हें व्यापार में लाभ होता है। इसके अलावा, भक्त भंडारे में सोना-चांदी, नोट और चिट्ठियाँ डालते हैं, जो मन्नत पूरी होने की प्रतीक होती हैं। सांवरिया सेठ की प्रसिद्धि देशभर में है, इसलिए कई राज्यों के व्यापारी यहां दर्शन के लिए आते हैं।

क्यों आता है इतना चढ़ावा

सांवरिया सेठ को इतना चढ़ावा क्यों मिलता है, इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार जो व्यापारी सांवरिया सेठ को अपना बिज़नेस पार्टनर मानकर पूजा करते हैं, उन्हें व्यापार में काफी लाभ मिलता है। ऐसे व्यापारी भगवान को अपने साझीदार के रूप में देख कर उनका हिस्सा चढ़ाते हैं। भक्त भंडारे में सोने-चांदी, नोट के साथ चिट्टियां भी डालते हैं।


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