
किस लिए घरों में ही तप-साधना के महापर्व संवत्सरी की आराधना
चित्तौैडग़ढ़. श्वेताम्बर जैन समाज के आठ दिवसीय पर्युषण पर्व के अंतिम दिन शनिवार को स्वाध्याय व भक्ति को समर्पित संवत्सरी महापर्व मनाया जाा रहा है। शाम को प्रतिक्रमण के बाद स्थानक, मंदिरों व घरों में ही लोग एक-दूसरे से क्षमायाचना करेंगे। सवंत्सरी के अगले दिन रविवार को क्षमा पर्व मनाया जएगा। इसमें जैन धर्मावलम्बी सभी ज्ञात-अज्ञात त्रुटियों व गलतियों के लिए क्षमा की यायना करेंगे। श्वेताम्बर जैन धर्मावलम्बी 23 अगस्त को क्षमायाचना पर्र्व मनाएंगे। इस बार कोरोना संकट के चलते स्थानकवासी जैन समाज के लोगों को स्थानक बंद होने से एवं मूर्तिपूजक श्वेताम्बर जैन समाज के लोगों को मंदिरों में प्रवेश बंद होने से घरों से ही पर्युषणपर्व की भक्ति व साधना करनी पड़ी है। चित्तौडग़ढ़ में शनिवार व रविवार को लॉकडाउन होने से भी इन दोनों पर्वो पर श्रद्धालु घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। ऐसे में शहर में भी अन्यत्र रहने वाले परिजनों व स्वजनों से क्षमायाचना भी फोन पर ही करनी पड़ेगी। शहर में विभिन्न स्थानकों में जैन मुनियों के चातुर्मास तो चल रहे है लेकिन कोरोना संकट के चलते प्रवचन आदि दैनिक कार्यक्रम नहीं हो रहे है। संवत्सरी पर भी जैन मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है। संक्रमण के खतरे से बचने के लिए श्रद्धालुओं को भी आने से मना किया गया है। कोरोना के कारण ये पहला अवसर रहा जब पर्र्युषण पर्व में भी श्रावक-श्राविकाएं स्थानक या मंदिर से दूर रहे। संत-साध्वियों व जैन संघों ने भी श्रावक-श्राविकाओं से प्रतिदिन घर पर ही सामायिक,स्वाध्याय और भक्ति पूजन करने का आह्वान किया था। इधर, स्वायत शासन विभाग के निदेशक दीपक नंदी ने आदेश जारी कर जैन धर्म के पुर्यषण पर्व के दृष्टिगत शनिवार एवं रविवार को राज्य के सभी बूचडखाने एवं मांस-मछली की दुकाने बंद रखने के आदेश जारी किए है।
Published on:
22 Aug 2020 12:28 pm
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