न्यूनतम पेंशन की भी कोईगारंटी नहीं है। एनपीएस में सेवानिवृत होने वालों को महज 8 00 से 1200 रुपए तक पेंशन मिलने के मामले सामने आए हैं। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। वरना चुनाव में राज्य के पांच लाख से अधिक एनपीएस लोकसेवकों के परिवारों के रोष का सामना करना पड़ेगा।
प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश संयुक्त सचिव सुरेंद्र बेनीवाल, रेसला के जिलाध्यक्ष रामकुमार खीचड़, जिला संयोजक राकेश चौधरी, विकास पारीक, हंसराज मेघवाल, आबिद खान, रामलाल भाकर, राजीव तेतरवाल, पवन महर्षि, हेमकरण बोहरा व सुखराम मीणा सहित अनेक महिला-पुरुष कर्मचारी शामिल थे।
पुरानी पेंशन योजना चालू करे सरकार
बीदासर. राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर ने मंगलवार को एनपीएस लागू करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कार्यवाहक एसडीएम ओमप्रकाश वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा है कि एक जनवरी २००४ के बाद नियुक्त समस्त कर्मचारी अधिकारी नवीन पेंशन योजना में आते हैं जो कि इन कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ है। इस पेंशन योजना मे कर्मचारी की वृद्धावस्था सुरक्षित नहीं है। कर्मचारियों की नियमित कटौतियों को शेयर बाजार में डाल कर कार्मिकों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। संघ ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है। ज्ञापन देने से पहले कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
संघ के अध्यक्ष सतीश भाटी ने कहा कि मांगे नहीं मानने पर आन्दोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में हसंराज मौर्य, रामकुमार, नरेन्द्र, दीपचन्द गुसाईवाल, विकास पूनिया, सुनील आदि शामिल थे।