सिंगर हार्डी संधु हैं मदन लाल की भूमिका में
इस फिल्म में मदन लाल की भूमिका में गायक हार्डी संधु हैं। यह फिल्म इसी साल रिलीज होने वाली है और इसका एक पोस्टर इस वर्ष जनवरी में रिलीज किया था। इसमें तेज गेंदबाज मदनलाल के लुक में हार्डी संधु नजर आ रहे हैं। इस पोस्टर को रणवीर सिंह ने रिलीज किया था।
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क्रिकेटर रहे हैं हार्डी
हार्डी भी क्रिकेट खेल चुके हैं। वह अंडर-19 वर्ग के अलावा पंजाब की ओर से कुछ प्रथम श्रेणी मैच भी खेल चुके हैं। हार्डी संधु भी मदन लाल की तरह दाएं हाथ के तेज गेंदबाज रहे हैं और प्रथम श्रेणी मैचों में कुल 12 विकेट चटका चुके हैं। वह एकदम मदनलाल जैसे लग रहे हैं। बता दें कि 1983 के विश्व कप फाइनल और क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने चार विकेट चटकाए थे। इस कारण पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 129 रन पर सिमट गई थी। वहीं विश्व कप फाइनल मेकं वेस्टइंडीज के धाकड़ बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स को आउट कर टीम इंडिया की जीत की बुनियाद रखी थी। उन्होंने फाइनल में तीन विकेट चटकाए थे।
ऐसे मिली संधु को मदन लाल की भूमिका
हार्डी संधु पहले क्रिकेटर ही थे, लेकिन चोट लगने के कारण उनका क्रिकेट करियर असमय खत्म हो गया था। इसके बाद उन्होंने गायिकी में किस्मत आजमाया और स्टार गायक बन गए। इस फिल्म में बलविंदर सिंह संधु का किरदार निभा रहे एम्मी विर्क ने मदनलाल की भूमिका के लिए हार्डी संधु का नाम सुझाया था। कबीर खान को भी वह पसंद आए और इस तरह उन्हें यह भूमिका मिल गई।
मदनलाल ऊधौराम शर्मा टीम इंडिया के अहम हरफनमौला था। उन्होंने 1974-1987 तक टीम इंडिया के 39 टेस्ट और 67 वनडे खेले। उन्होंने 39 टेस्ट में निम्नक्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 22.65 के औसत से 1,042 रन बनाए और 40.08 के औसत से 73 विकेट चटकाए। टेस्ट क्रिकेट में मदन लाल के नाम पांच अर्धशतक भी है। वह भी तब जब वह हमेशा निम्न क्रम में बल्लेबाजी करने आते थे। वहीं 67 वनडे में 19.1 की औसत से 401 रन बनाए हैं। उनके नाम एक अर्धशतक भी है। वहीं 29.27 की औसत से 71 विकेट चटकाए हैं। मदन लाल का बतौर हरफनमौला प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड है। उन्होंने 42.87 के औसत से 22 शतक की मदद से 10,204 रन बनाए हैं और 25.50 के औसत से 625 विकेट चटकाए।
कंजूस गेंदबाज माने थे मदन लाल
मदन लाल को कंजूस गेंदबाज माना जाता है। वह गेंदबाजी करते हुए काफी कम रन देते थे और लगातार मेडन फेंका करते थे। इस कारण कमेंटेटर उन्हें मेडन लाल भी कहा करते थे। मदन लाल ने 1968 से 1972 तक पंजाब क्रिकेट टीम के लिए रणजी खेला। इसके बाद 1972 से लेकर क्रिकेट छोड़ने (1989) तक लगातार अठारह साल दिल्ली क्रिकेट टीम की ओर से खेले।