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बुराड़ी से पहले दुनिया की दिल दहलाने वाली सामूहिक खुदकुशी की घटनाएं, जब 778 लोगों ने एक साथ की थी आत्महत्या

बुराड़ी में एक परिवार की 11 मौतों से हैरान हैं तो जानिए इससे पहले दुनिया में हुई सामूहिक हत्याकांड की बड़ी घटनाओं के बारे में।

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Burari like mass suicide incidents of world

बुराड़ी से पहले दुनिया की प्रमुख सामूहिक खुदकुशी की घटनाएं: 778 लोगों ने एक साथ की थी आत्महत्या

नई दिल्ली। बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की कथितरूप से आत्महत्या के मामले ने पूरे देश को हिला दिया है। धर्म-आस्था से भी इस मामले को जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन दुनिया में यह पहली घटना नहीं है जिसमें धर्म-कर्म के चलते इतने बड़े पैमाने पर लोगों ने खुदकुशी की हो। इससे पहले भी विश्व के कई हिस्सों में धार्मिक कर्मकांड के चलते भारी संख्या में आत्महत्या की गई हैं। आइए जानते हैं दुनिया की ऐसी ही दिल दहला देने वाली प्रमुख घटनाओं के बारे में:

1. मूवमेंट फॉर द रेस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड
हालांकि यह मामला विवादित रहा है लेकिन हालिया इतिहास में यह सामूहिक आत्महत्या की सबसे बड़ी घटना थी। 17 मार्च 2000 को युगांडा में द मूवमेंट फॉर द रेस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड के 778 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। सामूहिक आत्महत्या की इस विशाल घटना को लेकर बाद में यह थ्योरी सामने आई थी कि यह सामूहिक हत्या का मामला था क्योंकि कई की मौत गला घोंटने से जबकि कई की धारदार हथियार से हत्या की गई।

यह समूह रोमन कैथोलिक चर्च से अलग हो गया था क्योंकि यह गूढ़तावाद और कथितरूप से मैरियन भूत-पिशाचों पर जोर देता था। यह समूह अंतर्मुखी बताया जाता है क्योंकि सभी सदस्य एक जैसे वस्त्र पहनते थे और मुंह से कुछ भी गलत या बेईमानी भरा न निकले इसलिए अपनी जुबान खोलने से बचते थे। सामूहिक आत्महत्या पर स्थानीय लोगों का कहना था कि पहले समूह ने एक पार्टी की जिसमें सॉफ्ट ड्रिंक्स की 70 क्रेटें और तीन सांड चट कर लिए गए थे।

2. सोलर टेंपल
स्विटजरलैंज, फ्रांस और कनाडा में मौजूद द ऑर्डर ऑफ द सोलर टेंपल एक गुप्त सोसाइटी और संप्रदाय है जो नाइट्स टेंपलर के आदर्शों को मानने का दावा करता है। वर्ष 1984 में इसकी स्थापना जिनेवा में जोसेफ डी मैंब्रो और एल जौरेट ने की थी। इस समूह को 1994 में कई सामूहिक आत्महत्याओं और एक के बाद एक हत्याओं, फिर 1995 में कई जानें लेने की वजह मानते हुए काफी कुख्यात बताया जाता है। बताते हैं इस समूह से जुड़ी बड़ी घटना।

दरअसल, अक्टूबर 1994 में टोनी ड्युटॉइट के तीन माह के नवजात बच्चे की क्यूबेक, मॉरिन-हाइट्स स्थित संस्था के केंद्र में लकड़ी से गोद-गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसकी वजह यह बताई जाती है कि उस बच्चे को डी मैंब्रो ने बाइबिल के हिसाब से ईसा विरोधी के रूप में पहचाना। इसके कुछ दिन बाद ही डी मैंब्रो ने अपने 12 अनुयायियों के साथ अंतिम भोजन किया। और फिर कुछ दिनों के भीतर ही पश्चिमी स्विटजरलैंड के चेइरी और सैलवान नामक दो गांवों व मॉरिन हाइट्स में इनर सर्किल के 15 सदस्यों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। 30 की गोली या हथियार से हत्या की गई और 8 की हत्या अन्य तरीकों से हुई।

स्विटजरलैंड में तमाम पीड़ित एक गुप्त तहखाने में मिले जो आईने (मिरर) और टेंपलर समूह से जुड़ी अन्य चीजों के साथ पंक्तिबद्ध थे। सभी शव समूह की औपचारिक वेशभूषा से सजे-धजे थे और इनके पैरों को एक-दूसरे शवों से जोड़कर सिर को दूसरी तरफ करते हुए एक गोलाकार रचना बनाई गई थी। ज्यादातर के सिर प्लास्टिक बैग से बंधे हुए थे और सभी के सिर में गोली मारी गई थी। वहीं, अन्य पीड़ित तीन लकड़ी के घरों में पाए गए थे और इनमें तमाम मृत बच्चे पड़े हुए थे।

एक अन्य सामूहिक मौत की घटना फ्रांस में 15-16 दिसंबर 1995 की दरम्यानी रात हुई। इसमें वर्कोर्स पर्वत पर सितारे के आकार में 16 शव मिले। बाद में पता चला कि इनमें से दो ने बाकी सभी को गोली मारी और फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर अपनी बलि दे दी। मृतकों में एक पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी एडिथ बोनलीऊ भी शामिल था।

3. हैवेंस गेट
24 से 27 मार्च 1997 के बीच अमरीका के कैलीफोर्निया में रैंचो सांता-फे में हैवेंस गेट समूह के 39 अनुयायियों ने सामूहिक आत्महत्या की थी। इस समूह की शिक्षाओं के मुताबिक इन लोगों का मानना था कि खुदकुशी के जरिये ये सभी अपने मानवरूपी आवरण से बाहर निकल रहे हैं ताकि उनकी आत्मा अंतरिक्ष यात्रा पर निकल जाए।

4. एडम हाउस
यह घटना बांग्लादेश के दूसरे सबसे घनी आबादी वाले माइमेनसिंह में 2007 की है, जिसमें एक ही परिवार के 9 सदस्यों ने ट्रेन के आगे कूदकर सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। जहां एक मीडिया ने शुरुआत में इस मामले को ईसाई धर्म परिवर्तन का बताया था, मृतकों के घर से मिली डायरी से पता चला कि यह एडम पंथ (आदम पंथ) को मानते थे और उनके घर का नाम भी एडम हाउस था।

परिजनों का मानना था कि वे आदम और हव्वा (एडम एंड ईव) जैसा पूरी तरह शुद्ध जीवन जीना चाहते थे, और इसलिए ही उन्होंने खुद को किसी बाहरी के संपर्क से दूर करने और किसी भी धर्म की पाबंदी से मुक्त होने के लिए यह रास्ता चुना। इस्लाम छोड़ने के बाद उन्होंने ईसाई धर्म नहीं थामा और कई बार वे काली की भी पूजा करते थे। यानी वे खुद को हर धर्म से ऊपर बताते थे।