
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी अक्षय द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर निर्भया की मां की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका को मंजूरी दे दी है।
वहीं, गैंगरेप केस के चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका हर जगह से खारिज होने के बाद उन्हें फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का समय मिल सकता है।
आपको बता दें कि चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की है। जिसके बाद सभी अपराधियों को फांसी मिलना तय माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार निर्भया केस में तिहाड़ जेल प्रशासन जरूरी नियमों को पालन करते हुए फांसी की सजा से पहले अपरोधियों को कुछ समय दे सकता है।
जेल नियम के अनुसार अपराधियों को मौत की सजा से पहले 14 दिन का समय दिया जाता है। दरअसल, जेल प्रशासन की ओर से यह समय मौत की सजा पाने वाले अपराधियों को मानसिक तौर पर तैयार होने के लिए दिया जाता है।
इस समय में अपराधी चाहे तो अपने परिजनों से मुलाकात कर सकता है। अपनी प्रोपर्टी का बंटवारा आदि कर सकता है।
इस समयावधि में जेल प्रशासन अपराधियों पर पैनी नजर रखता है। 14 दिनों तक अपराधी को जेल के अंदर खुले
स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाता है, जहां वार्डन उसकी निगरानी करता है।
Updated on:
13 Dec 2019 12:26 pm
Published on:
13 Dec 2019 12:23 pm
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