ऐसा ही हाल ही में असम से देखने को मिला है जहां एक 12 वर्षीय लड़के ने अपने माता- पिता के मेहनत से कमाए गए 19 लाख रुपये को ऑनलाइन गेम में बर्बाद कर दिया।
पुलिस जांच में खुला राज पुलिस जांच में पता चला कि लड़के के पिता एक निजी कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत हैं। पुलिस ने कहा कि बच्चे ने अपनी ऑनलाइन क्लास के लिए अपनी मां के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था। आनलाइन क्लास के बहाने वह घंटों ऑनलाइन गेम बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया खेलता था।
पुलिस के अनुसार वह गेमिंग प्लेटफॉर्म पर एक निपुरज गोगोई और दो अन्य लोगों से मिला। गोगोई ने लड़के को विश्वास में लिया और उसकी घर वालो के खाते की निजी जानकारी हासिल कर ली।
पुलिस के अनुसार शुरुआत में आरोपी ने बच्चे को अपनी बातों में फंसाने के लिए वर्चुअल इन गेम(In Game) आइटम्स खरीदवाए और महंगे गेमिंग फोन भी खरीदे। लड़के के माता-पिता को तब शक हुआ जब उन्होंने अपने खाते का बैलेंस चेक किया और उन्हें 19 लाख रूपये गायब होने के बारे में पता चला।
आरोपी ने सफाई से किया खाता साफ पुलिस ने बताया कि गोगोई नियमित रूप से खाते से पैसे ट्रांसफर करता था। वह लड़के से हर लेन-देन का ओटीपी पता करता और उससे बैंक ट्रांजेक्शन से संबंधित संदेशों को डिलीट करा देता था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि माता-पिता को इसकी भनक न लगे। लड़के ने दो अन्य नाबालिगों को बंदूकें और खेल खेलने के लिए सामान खरीदने में भी मदद की थी।
पुलिस ने लिया एक्शन पुलिस ने गोगोई और तीन नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया है। गोगोई को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।
पुलिस ने कहा कि हम जरूरत पड़ने पर आरोपी (गोगोई) की रिमांड की मांग कर सकते हैं। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि सारा पैसा कहां ट्रांसफर किया गया और क्या इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं। माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। खासकर इस महामारी के दौरान जब बच्चे ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं।