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बुराड़ी केस में पुलिस का बड़ा दावा, नहीं हुई घर में लूटपाट, पूरे परिवार ने की आत्महत्या

बुराड़ी केस में पुलिस ने बड़ा दावा किया है।

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बुराड़ी केस में पुलिस का बड़ा दावा, नहीं हुई घर में लूटपाट, पूरे परिवार ने की आत्महत्या

नई दिल्ली। बुराड़ी केस में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मृतक परिवार के घर से पुलिस को कई सबूत अब तक मिल चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तंत्र-मंत्र के कारण यह हादसा हुआ है। वहीं, अब पुलिस ने इस केस में एक बड़ा दावा किया है। पुलिस का कहना है कि यह सामूहिक आत्महत्या है।

घर में नहीं हुई लूटपाट- पुलिस

पुलिस का कहना है कि इस केस में अब तक जो बात सामने आई है, उसमें किसी से भी कोई जबरदस्ती की बात नहीं निकल कर आ रही। इसके अलावा न ही कोई लूटपाट की बात ही सामने आई है। हालांकि, घर से जो रजिस्टर मिले हैं, उसमें भी साफ-साफ लिखा है कि प्लानिंग के तहत यह आत्महत्या की गई है। क्राइम ब्रांच का यह भी कहना है कि शुरूआती जांच में ऐसा लग रहा है कि बुजुर्ग महिला की हत्या करने बाद बाकी लोगों ने फांसी लगाई। बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सभी की मौत के सही कारणों का पता चल जाएगा। गौरतलब है कि पहली बार किसी केस में दो मेडिकल बोर्ड बनाए गए हैं।

रजिस्टर में लिखी थी मौत की स्क्रिप्ट

गौरतलब है कि इससे पहले पुलिस को घर से दो रजिस्टर मिले, जिसमें इस घटना की पूरी स्क्रिप्ट लिखी हुई थी। इन रजिस्टर्स में सभी के मौतों का दिन, वक्त और तरीका तक लिखा हुआ था। क्राइम ब्रान्च सूत्र के मुताबिक परिवार 2015 से रजिस्टर में नोट्स लिख रहा था। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि परिवार ने अपनी जान वैसे ही दी है, जैसी रजिस्टर में लिखी है। रजिस्टर में लिखा है कि सभी लोग अपनी आंखों पर पट्टियां अच्छे से बांधेंगे। पट्टी ऐसे बंधे कि सिर्फ शून्य दिखे। इसके अलावा रस्सी के साथ सूती चुन्नी और साड़ी का ही इस्तेमाल करना होगा। सात दिन बाद लगन और श्रद्धा से लगातार पूजा करनी होगी, अगर इस दौरान कोई घर में आए तो पूजा अगले दिन करनी होगी। रविवार या गुरुवार के दिन को ही इस काम के लिए चुनें। बेब्बे खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती हैं। इसके अलावा परिवार के सभी सदस्यों की सोच एक जैसी होनी चाहिए, इसके बाद आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे। हाथों को बांधनेवाली पट्टियां बच जाएं, तो उन्हें आंखों पर डबल बांध लें। जितनी दृढ़ता और श्रद्धा दिखाओगे, फल उतना ही उचित मिलेगा। रात 12 से 1 बजे के बीच यह काम करना है और उससे पहले हवन करना है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि परिवार ने बिलकुल उसी अंदाज़ में मौत को चुना जैसा पहले से रजिस्टर में दर्ज था। रजिस्टर में पहली एंट्री नवंबर 2017 की है, जबकि आखिरी एंट्री 25 जून की है। रजिस्टर में लिखा था- सभी इच्छाओं की पूर्ति हो। फिलहाल, अब पुलिस रजिस्टर की गुत्थी सुलझाने में जुटी है।