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खुद से परेशान था रोहित वेमुला, जांच रिपोर्ट में आया मौत का सच

जांच आयोग ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में रिपोर्ट जारी कर दी है।

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Rohit Vemula

Rohit Vemula

नई दिल्ली। जांच आयोग ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रोहित ने कॉलेज प्रशासन से तंग आकर अपनी जान नहीं दी थी, बल्कि वह निजी कारणों से परेशान था, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली थी।

बचपन में उसे सब नाकाबिल समझते थे
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित अपने जीवन से परेशान था और कई वजहों से खुश नहीं था। रिपोर्ट के अनुसार, रोहित ने अपने सुसाइड नोट में किसी को भी अपनी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सुसाइड नोट से साफ है कि उसकी अपनी खुद की कई समस्याएं थीं और वह अपनी जिंदगी से नाखुश था। सुसाइड नोट में कथित तौर पर रोहित ने यह भी लिखा है कि वह बचपन में अकेला रहता था और उसको सब नाकाबिल समझते थे। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से गठित न्यायिक आयोग ने दी है, जिसमें इलाहबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस एके रूपनवाल शामिल थे।

स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय का कोई हाथ नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि तात्कालिक मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा नेता बंडारू दत्तात्रेय का रोहित की मौत से कोई लेना-देना नहीं था। रोहित की आत्महत्या के बाद भाजपा नेताओं का नाम सामने आया था। कहा गया था कि भाजपा नेताओं के दबाव में आकर ही कॉलेज प्रशासन ने रोहित के खिलाफ कार्रवाई की थी, मगर रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर रोहित कॉलेज की कार्रवाई से दुखी होता तो सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र जरूर करता।

ओबीसी था रोहित
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रोहित दलित नहीं था। हालांकि रोहित की आत्‍महत्‍या के बाद प्रदर्शन कर रहे संगठनों की तरफ से उसको लगातार दलित बताया जाता रहा था। मगर रिपोर्ट के अनुसार, वह अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से था। उसके पिता वी. मणिकुमार बडेरा समुदाय से थे। हालांकि मां ने तर्क दिया कि वह माला समुदाय से है जो अनुसूचित जाति के तहत आता है। पति से तलाक के बाद वह वेमुला को लेकर अलग रहने लगी, मगर वह अपनी जाति के पक्ष में तथ्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। रोहित ने 17 जनवरी, 2016 को हॉस्टल के कमरे में आत्‍महत्‍या कर ली थी। इससे पहले उस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक छात्र नेता को पीटने का आरोप लगा था। जिसके बाद नवंबर, 2015 में रोहित समेत पांच छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था।

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