विधायक रामबाई का देवर विचाराधीन बंदी चंदू सिंह चला रहा जेल, अय्याशी की हर सामग्री कराता हैं उपलब्ध, दमोह में जेल प्रहरी रहे रामकुमार शाक्या ने खोली पोल, विधिक अधिकारी को शपथ पत्र लिखकर किया जांच कराने की मांग, जेल के कई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप, दमोह जेल शराब, वैश्यावृत्ती तक ही होती है व्यवस्था, कैमरों से छेड़छाड़ और १ लाख रुपए महीने तक दूसरे बंदियों से वसूलने के आरोप
दमोह जेल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार दमोह जेल में पदस्थ रहे एक प्रहरी ने ही जेल में होने वाले कृत्यों को खुलासा करते हुए एक शिकायत विधिक अधिकारियों से की है। साथ ही गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें जेल के विचाराधीन बंदी पथरिया विधायक रामबाई सिंह के देवर चंदू सिंह द्वारा जेल चलाने और उनके अनुसार ही यहां सुविधाएं उपलब्ध होने जैसे गंभीर आरोप हैं। यहां तक कि जेल के कैमरों से छेड़छाड़ कर लाख रुपए महीने तक जेल में पहुंचाने वालों को शराब, वैश्यावृत्ति के लिए महिलाएं, उनकी पत्नियां तक जेल में उपलब्ध कराए जाने के आरोप लगाए हैं। प्रहरी के इन आरोपों के बाद जेल अधीक्षक ने फोन कॉल्स लेना बंद कर दिए हैं। वहीं जेल प्रशासन में हड़कंप की स्थिति हैं।
आरोप लगाने वाला जेल प्रहरी रामकुमार शाक्या जुलाई 2019 में दमोह जिला जेल में पदस्थ हुआ था। जबकि जेल में दूसरे प्रहरियों से हुए विवाद के बाद वह करीब १ माह से केंद्रीय जेल भोपाल में अटैच है। इसी दौरान उसने शनिवार को जिला सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण के नाम यह पत्र और शपथ पत्र लगाकर पूरे मामले की जांच कराते हुए उचित कार्रवाई की मांग की हैं। पत्र में विधायक के देवर विचाराधीन बंदी चंदू सिंह, गोलू सिंह के अतिरिक्त मुख्य जेल प्रहरी प्रीतम और प्रहरी अशीष तिवारी,पुष्पेन्द्र चौहान,रजनी प्रजापति प्रहरी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- जब से पदस्थ, तभी से देख रहा गड़बड़ी
प्रहरी शाक्या ने लिखा है कि 2019 के उपरांत ही जेल में अनैतिक अवचारी व संदिग्ध गतिविधियों का संचालन होता रहा हैं। जिसमें विचाराधीन बंदी चंदू सिंह व जेल के अन्य प्रहरियों द्वारा जेल में विचाराधीन बंदियों से सांठ गांठ कर व राशि प्राप्त कर जेल के बंदियों को मादक पदार्थ जैसे शराब, जर्दा, सिगरेट व महिलाओं की आपूर्ति वेश्यावृत्ति हेतु लगातार उपलब्ध कराई जा रही है। चूंकि स्थानीय पथरिया विधायक के देवर चंदू उर्फ कौशलेन्द्र सिंह भी वर्ष 2019 से दमोह जिला जेल में निरूद्ध विचाराधीन बंदी है। उनके प्रशासनिक प्रभाव के चलते उपरोक्त सभी मुख्य प्रहरी एवं प्रहरी ऐसी गतिविधियां संचालित करते हैं व विरोध करने वाले किसी भी जेल प्रहरी या जेलकर्मी का चंदू सिंह के कहने पर जिला जेल से या तो स्थानांतरण करा दिया जाता है या अटैचमेंट करा दिया जाता है।
- 80 हजार से 1 लाख तक है अय्याशी की फीस
प्रहरी ने लिखा है कि मेरी जानकारी के अनुसार दमोह जिला जेल में 80 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रूपए तक मासिक जो बंदियों द्वारा भुगतान किया जाता है, उसे हर तरह की अय्याशी करने मिल जाती हैं। यह कार्य जेल कर्मचारियों की मदद से होता है। कैमरों को स्थानीय जेल प्रहरियों की मदद से या तो ब्लैक प्वाइंट पर सेट किया जाता है या फिर महिलाओं या बंदियों की पत्नियों, प्रेमिकाओं या वैश्याओं के प्रवेश के समय स्थानीय जेल प्रशासन की मदद से वहां के कैमरे उतने समय के लिए बंद कर दिए जाते हैं, जिससे कि उनके आने जाने का अथवा प्रतिबंधित सामग्री देने का समय कैमरे में रिकार्ड न हो सके।
- चंदू सिंह को प्रहरी उपलब्ध कराते हैं मोबाइल
आरोप पत्र में उल्लेख है कि जेल में स्थानीय प्रहरी आशीष तिवारी, प्रीतम हेड, रजनी प्रजापति, पुष्पेन्द्र चौहान दोपहर 2 बजे के बाद उनके खुद मोबाइल के अतिरिक्त अन्य मोबाइल ले जाकर चंदू सिंह, गोलू सिंह को व अन्य पैसे देने वाले बंदियों को जाकर उपलब्ध कराते हैं। जिससे वह स्थानीय प्रहरियों के ड्यूटी आफ होने तक उनका उपयोग करते व ड्यूटी आफ हो जाने पर प्रहरी उन मोबाइलों को वापस ले जाते हैं। यहां तक कि स्थानीय पथरिया विधायक के देवर का प्रशासनिक व गृह मंत्रालय व जेल प्रशासन में इतना दखल है। कि उनके कहे अनुसार ही प्रहरियों की ड्यूटियां लगाई व हटाई जाती हैं। यहां तक कि दमोह जिला जेल में कौन जेलर रहेगा जिसका स्थानांतरण होगा यह सब बंदी चंदू उर्फ कौशलेन्द्र के द्वारा ही तय किया जाता है। - इन वार्डों के औचक निरीक्षण से खुल जाएंगी पोल आरोप पत्र में बताया कि दमोह जिला जेल में औचक रेड करने पर जेल का वार्ड क्रमांक 2, 3 एवं 4 में प्रतिबंधित सामग्री शराब, जर्दा, सिगरेट, गांजा, चिलम, कंडोम्स, मोबाइल व खाना पकाने का हीटर व बंदियों को दी जाने वाली सुविधाओं की सामग्री का मौके पर जाकर जब्त किया जा सकता है। इस संबंध में शिकायत करने वाले प्रहरी रामकुमार शाक्या ने बताया कि दमोह में ड्यूटी के दौरान मुझे प्रहरी आशीष तिवारी द्वारा शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया गया। साथ ही अन्य प्रहरियों और विचाराधीन बंदी चंदू सिंह के द्वारा मुझे धमकियां दी गईं। साथ ही भोपाल अटैचमेंट कराया गया। शाक्या के अनुसार वह पहले भी पूरे मामले का खुलासा करना चाहता था, लेकिन नौकरी को ध्यान में रखते हुए यह कदम नहीं उठा सका। अब शपथ पत्र के साथ दमोह जेल की अवैध गतिविधियों को चिट्ठा खोला है और जिम्मेदार दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की हैं।
- आरोप निराधार और षडय़ंत्र के तहत
प्रहरी द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और षडय़ंत्र के तहत है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसे आरोप लगवाए जा रहे हैं। प्रहरी का रिकॉर्ड भी चेक कराया जा सकता है कि वह कैसा रहा है। अनूपपुर में वह सस्पेंड हो चुका हैं और जेलर की शिकायत पर ही उसे भोपाल अटैच किया गया था।
रामबाई सिंह परिहार, विधायक पथरिया
- आरोप निराधार है
प्रहरी पर दो अपराध दर्ज है। जो न्यायालय में लंबित है। उसे अनूपपुर जेल से अटैच किया था। प्रहरी को एक मामले में सस्पेंड भी किया गया था। बहाली के बाद भी गतिविधियां संदिग्ध थी। जिसकी शिकायत पर जेल के अंदर से बाहर ड्यूटी लगाई गई थी। जहां से भी उसकी शिकायतें मिली थी, जिसकी शिकायत पर सेंट्रल जेल भोपाल अटैच किया गया था। आरोप पूर्णत: निराधार है।
सीएल प्रजापति, उप जेल अधीक्षक दमोह