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दमोह में 18 से कम उम्र वालों को भी वाहन चलाने मिल रही बाइक

मध्यप्रदेश में हर तीसरा चालक बगैर लाइसेंस दौड़ा रहा वाहन, किशोर मार रहे फर्राटा, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना जितना आसान हुआ, उतना ही कतरा रहे लोग, बढ़ रहीं दुर्घटनाएं

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दमोह

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Samved Jain

Dec 16, 2025

Damoh

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दमोह. डीजल, पेट्रोल या बैटरी से चलने वाले प्रत्येक वाहन के चालक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अनिवार्य किया है। इसके अभाव में जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस और परिवहन विभाग को बगैर लाइसेंस गाड़ी चलाने वाले लोगों पर कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है। लेकिन जिले में हर तीसरा चालक बगैर लाइसेंस के वाहन चला रहा है।
12 लाख की आबादी वाले जिले में 2.25 लाख करीब वाहन रजिस्टर्ड है। इनके उलट ड्राइविंग लाइसेंस करीब 75 हजार लोगों के पास ही है। यानी 1.50 लाख चालक जिले की सड़कों पर बगैर लाइसेंस के वाहन दौड़ा रहे हैं। इनमें कई किशोर भी शामिल है। बिना लाइसेंस के वाहन ड्राइव करने वाले अपनी जान तो जोखिम में डाल ही रहे हैं, बल्कि दूसरों की जान भी ले रहे हैं।

स्कूलों में समझाइश, लेकिन नहीं मान रहे अभिभावक


शहर में कुछ हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चे फर्राटा मारते हुए गाडिय़ां दौड़ा रहे हैं, जबकि इनके पास न तो लाइसेंस है और न ही ये ट्रैफिक नियमों को जानते हैं। जहां जगह मिली, गाड़ी चला देते हैं। सुबह की टाइमिंग पर देखे तो रोजाना ५०० से अधिक किशोर बच्चों को बाइक और स्कूली दौड़ाते हुए देखा जा सकता है। खास बात यह है कि स्कूलों में बच्चों को यातायात नियम समझाने कार्यक्रम तो होते हैं, लेकिन अभिभावकों उन्हें बाइक देने में पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसे में स्कूल प्रबंधनों की सख्ती की जरूरत है। इस अलावा ई-रिक्शा पर अनेक किशोर चला रहे हैं।

बिना लाइसेंस वाहन चलाने वालों से ज्यादा एक्सीडेंट


एक सर्वे के अनुसार बगैर लाइसेंस के वाहन चलाने वाले लोगों से सड़क दुर्घटनाएं भी ज्यादा होती है। हादसे के बाद उनके ऊपर केस भी ज्यादा दर्ज होते हैं। नियम अनुसार यदि कोई व्यक्ति काननून मोटर व्हीकल एक्ट का बार-बार उल्लंघन कर वाहन चलाता है तो बीमा और रजिस्ट्रेशन समाप्त करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई का भी प्रावधान है। शहर के सागर-जबलपुर स्टेट हाइवे पर सबसे ज्यादा इस तरह के एक्सीडेंट केस सामने आते हैं।

क्या कहता है कानूनी प्रावधान

यदि बिना लाइसेंस के छोटे व बड़े वाहन चलाते हुए पकड़े गए तो इसमें सजा के तौर पर जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माने की रकम 1000 से 8000 रुपए तक है।
-यदि कोई बच्चा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके माता. पिता या अभिभावकों को भी दंडित करने का प्रावधान है। इसमें जुर्माने के साथ ही तीन माह तक की जेल भी हो सकती है।
-यदि कोई बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़ा जाता है तो जुर्माने के साथ ही वाहन जब्त करने का प्रावधान है। सड़क हादसे की स्थिति में बीमा दावा नहीं किया जा सकता और थर्ड पार्टी क्लेम के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

ऐसे बनता है ड्राइविंग लाइसेंस

लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए भारत सरकार के सारथी ऐप पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद टेस्ट देना पड़ता है। जिसमे 20 प्रश्न में से 12 के उत्तर सही देने पर लाइसेंस मिलता है। एक महीने बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारी वाहन चलाने के लिए हैवी लाइसेंस की जरूरत होती है। जिसकी प्रक्रिया अलग ही है।



ड्राइविंग लाइसेंस के बाद ही वाहन चलाने की अनुमति है। यह सही है कि वाहन की संख्या में 35 प्रतिशत की लाइसेंस है। ट्रैफिक पुलिस और वह समय-समय पर कार्रवाई करते हैं। साथ ही किशोरों को जागरुक भी किया जाता है।
क्षितिज सोनी, परिवहन अधिकारी दमोह