
दमोह. उड़ीसा से गांजा और राजस्थान के खिलचीपुर से स्मैक(सफेद पाउडर) आ रहा है। दमोह जिला व मुख्यालय पर चोरी छिपे इसकी बिक्री जोरों पर है। पुलिस ने पिछले दो वर्ष में दोनों तरह के नशे का अवैध करोबार करने वाले आरोपियों को चिंहित कर लिया है। सभी के विरुद्ध मामले भी बनाए हैं, लेकिन यहां पर पुलिस प्रशासन दोनों राज्यों से अवैध करोबार करने वाले मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पाई है। बनाए गए प्लान पर दोनों राज्यों की पुलिस ने पानी फेर दिया है। बेबसी यह है कि पुलिस आवक पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
जिले में गांजे का अवैध करोबार करने वाले ३९ लोग हैं। पुलिस के पास इन आरोपियों को पूरा रिकार्ड हे। वहीं, इस साल स्मैक का धंधा करने वाले १४ आरोपी भी पुलिस की नजरों में आ चुके हैं। इन पर भी मामले दर्ज हैं।
-नया ट्रेंड, ५ हजार रुपए देकर महिलाओं से कराया जा रहा काम
उड़ीसा से दमोह सप्लाई हो रहे गांजे के कारोबार में नया ट्रेंड आ चुका है। पहले युवाओं के जरिए इसे दमोह भेजा जाता था, लेकिन अब महिलाएं इस धंधे में उतारी गई हैं। ५००० रुपए देकर महिलाओं को बच्चों के साथ भेजा जाता है। दो मामले ऐसे हैं, जिसमें पुलिस ने महिलाओं को गांजे के साथ पकड़ा है। उनके विरुद्ध मामला भी कायम किया। खासबात यह थी कि महिलाओं के साथ मासूम बच्चे होते हैं। कुछ मामलों में पुलिस ने महिलाओं पर केस नहीं बनाए।
-बहन की सूचना पर पुलिस ने की थी सफेद पाउडर बेचने वालों पर कार्रवाई
शहर में सफेद पाउडर स्मैक का कारोबार जोर पकड़ चुका है। १८ से २२ साल के युवा इस नशे का आदि हो रहे हैं। पुलिस ने इस साल चार मामलों में आरोपियों के पास से ९३ ग्राम सफेद पाउडर जब्त किया है। १४ लोगों को आरोपी बनाया है। पहला केस एक महिला की सूचना पर क्रेक हुआ था। एसपी श्रुतकीर्ति ने बताया कि महिला का भाई सफेद पाउडर का नशा करने लगा था। वह, अवैध करोबार करने वालों का साथी था। भाई की हालत बिगड़ते देख महिला ने सूचना दी। इस आधार पर चार आरोपियों को स्मैक के साथ पकड़ा गया था।
फैक्ट फाइल
-२०२४ में पुलिस ने गांजे के १७ प्रकरण बनाए थे। ३९ आरोपियों को हिरासत में लिया था।
-पुलिस ने इनके पास से १६० किलो से ज्यादा गांजा जब्त किया था।
-२०२५ में पुलिस ने गांजे के १९ प्रकरण बनाए थे, इसमें ३९ आरोपियों को हिरासत में लिया था।
-इनके पास से १६० किलो गांजा मिला था।
-स्मैक के मामले में पुलिस इन इस साल ४ प्रकरण बनाए हैं। इनमें १४ आरोपियों को हिरासत में लिया था।
-इनके पास से ९३ ग्राम स्मैक मिली थी।
पत्रिका व्यू
राजस्थान के खिलचीपुर से स्मैक और उड़ीसा से गांजे की तस्करी पुलिस नहीं रोक पा रही है। मुख्य आरोपी को पकडऩे इन राज्यों की पुलिस मदद नहीं कर रही है। शहर में अवैध कारोबार करने वाले जेल से झूठकर या फिर जेल में रहते हुए भी यह जहरीला कारोबार कर रहे हैं, तो युवाओं को नशे से कैसे और कौन दूर कर पाएगा। यह एक चिंता का विषय है। जिला प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना ही होगा, नहीं तो युवा पीड़ी नशे के चंगुल में फंसकर बर्बाद हो जाएगी।
वर्शन
पुलिस समय-समय पर गांजा व स्मैक का कारोबार करने वालों को पकड़ रही है। दो सालों में ढेरों प्रकरण बनाए हैं और आरोपियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए हैं। परेशानी यह है कि आरोपियों से मुख्य आरोपियों व उनके ठिकानों के बारे में जानकारी तो मिल जाती है, लेकिन जब टीम उड़ीसा व राजस्थान भेजी जाती है तो वहां की पुलिस का कोई सहयोग नहीं मिलता। यहां से १००-२०० पुलिसकर्मी तो भेज नहीं सकते।
श्रुतकीर्ति सोमवंशी, पुलिस अधीक्षक दमोह
Published on:
12 Dec 2025 11:05 am
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