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हद है: सिविल सर्जन के निर्देशों को भी नहीं मान रहे विशेषज्ञ, बिना छुए ही मरीजों का कर रहे इलाज

जिला अस्पताल के ऑथोपेडिक्स डॉक्टरों की मनमानी जारी, कैज्युअल्टी में भी यह हाल -ओपीडी में पड़ रहा असर, ५० से ज्यादा नहीं आते मरीज

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दमोह

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Aakash Tiwari

Dec 09, 2025

दमोह. जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर्स अपने ही बनाए मनमाने नियमों पर अड़े हुए हैं। उन्हें सिविल सर्जन के निर्देशों की भी परवाह नहीं है और न ही कार्रवाई का डर है। बकायदा, पहले की तरह ही ओपीडी में आने वाले मरीजों को दूर से देखकर उनका इलाज कर रहे हैं।
इससे धीरे-धीरे हड्डी रोग विभाग में मरीजों का विश्वास कम हो रहा है। लगातार ओपीडी में गिरावट आ रही है। पहले जहां प्रतिदिन १५० से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आते थे, वहीं अब संख्या घटकर औसतन ४० से बची है। अस्पताल में अभी घायल होकर आने वाले मरीज ही ज्यादा होते हैं, जबकि रूटीन जांच कराने वाले मरीज बाहर ही इलाज करा रहे हैं।
-सीएस के निर्देशों को भी नहीं दी तब्बजो
बता दें कि पत्रिका द्वारा किए गए खुलासे के बाद सिविल सर्जन डॉ. प्रहलाद पटैल ने सभी सीनियर्स डॉक्टरों को ओपीडी के अंदर ही मरीजों को बुलाकर देखने के निर्देश दिए थे। सीएस के इस कदम से लगा था कि मरीजों को अब वास्तविक इलाज मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन पत्रिका ने सोमवार को फिर से ओपीडी का जायजा लिया तो यहां पर मरीज खिड़की पर खड़े होकर ही इलाज कराते हुए नजर आए। डॉक्टर्स की हठधर्मिता से मरीजों को अनुमान के अनुसार ही इलाज मिल रहा है।
-कैज्अल्टी डॉक्टर्स भी इसी राह पर, दूर से देखकर कर रहे इलाज
हैरानी की बात यह है कि हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर्स के अलावा कैज्युअल्टी में बैठने वाले डॉक्टर्स भी मरीजों का दूर से ही देखकर इलाज कर रहे हैं। पत्रिका ने जब कैज्युअल्टी का जायजा लिया तो यहां भी खिड़की के बाहर मरीज कतार में खड़े हुए थे। अंदर बैठे डॉक्टर वहीं से मर्ज पूछकर इलाज कर रहे थे।
-मरीजों को छूने से परहेज, संक्रमण का खतरा
कोविड महामारी को खत्म हुए चार साल बीत चुके हैं, लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों के मन से संक्रमण को लेकर बना भय अभी तक ताजा लगता है। यही वजह है कि डॉक्टर्स मरीजों को छूने से डर रहे हैं। अंचलों से आने वाले मरीजों का कहना था कि गांव में झोलाछाप ही ठीक हैं, कम से कम वे छूकर तकलीफ महसूस तो करते हैं, लेकिन यहां डॉक्टर बिना जांच किए ही दवाएं लिख रहे हैं।

कलेक्टर बोले, ऐसा नहीं चलेगा, होगी कार्रवाई
यह तो समझ से परे बात है। हड्डी के मरीजों को बिना देखे इलाज कैसे हो रहा है। प्रबंधन ने अब तक डॉक्टर्स पर कार्रवाई क्यों नहीं की। मैं सीएस से बात करता हूं।

सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर दमोह