
दमोह के स्कूली बच्चों की साफ बयानी- image patrika
Damoh- इस विषय की क्लास ही नहीं लगती, क्या लिखें…मध्यप्रदेश में स्टूडेंट ने बाकायदा आंसर शीट में यह बात लिखी। पढ़ाई नहीं होने पर भी अर्द्धवार्षिक परीक्षा में प्रश्न पूछने से बच्चे गुस्सा उठे। बच्चों ने उत्तरपुस्तिका पर ही साफ लिखकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए अपना विरोध जता दिया। स्टूडेंट के विरोध करने के तरीके ने अपना कमाल भी दिखाया। इससे शैक्षणिक दुरावस्था की वास्तविक स्थिति में सामने आई है। मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। इसकी जांच भी शुरू कर दी गई है।
प्रदेश के दमोह जिले में रोचक घटना घटी। यहां मिडिल स्कूलों के बच्चों ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अपने मन की भड़ास निकाल दी। सामाजिक विज्ञान का पेपर हुआ तो स्टूडेंट ने उत्तरपुस्तिका में ही लिख दिया कि इस विषय की कक्षा ही नहीं लगती…। इतना ही नहीं, जब जांच करने शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल आए तो भी दबंगता से स्वीकारा कि हमने ऐसा लिखा है।
बांसा तारखेड़ा संकुल के एकीकृत हायर सेेकेंडरी स्कूल धनगौर गुंजी में बीते दिनों मिडिल की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं संपन्न हुई हैं। इसमें सामाजिक विज्ञान के पेपर में कुछ बच्चों ने उत्तरपुस्तिका में लिख दिया कि इस विषय की उनकी कक्षा नहीं लगती है। कोई भी शिक्षक सामाजिक विज्ञान पढ़ाने नहीं आता है। इस कारण पेपर को हल नहीं किया जा सकता। कुछ स्टूडेंट ने उत्तरपुस्तिका में तो कुछ ने उसके साथ एक पेपर लगाकर ऐसा लिखा है। यह खबर बाहर आने के बाद अब मामले की जांच शुरू हो गई है।
जांच करने के लिए बीईओ बाइके कोरी, संकुल प्राचार्य बांसा के साथ मंगलवार को धनगौर स्कूल पहुंचे। इस संबंध में उन्होंने सबसे पहले प्राचार्य से बात की। इसके बाद जांच टीम ने कक्षा में पहुंचकर सीधे बच्चों से बात की। बच्चों से पूछा कि सभी कक्षाएं लग रही हैं, उसपर बच्चों ने हां कहा, लेकिन जैसे ही सामाजिक विज्ञान की कक्षा के बारे में पूछा तो सभी स्टूडेंट ने एक स्वर में कहा— नहीं। बच्चों ने बीइओ को बताया कि 6 महीने से सामाजिक विज्ञान की कक्षा नहीं लग रही है। इस संबंध में शिक्षका और प्राचार्य से भी शिकायत की, लेकिन प्राचार्य सर ने उनकी नहीं सुनी। इसीलिए मजबूरी में उन्होंने उत्तरपुस्तिकाओं में ही इसका लेख कर दिया। इस दौरान प्राचार्य और शिक्षक भी वहां मौजूद थे।
इधर स्कूल प्राचार्य प्रदीप राजपूत का कहना है कि सितंबर में ही उन्होंने जॉइन किया है। वह स्कूल और यहां की व्यवस्थाएं सुधारने में जुटे हुए हैं। इस वजह से मिडिल की ओर उनका ध्यान नहीं गया है, गलती हुई है। इसमें सुधार करते हुए तत्काल प्रभाव से सामाजिक विज्ञान की कक्षाएं शुरू की जा रही है। प्राचार्य प्रदीप राजपूत ने यह भी कहा कि स्कूल के कुछ शिक्षक लगातार काम नहीं कर रहे हैं। कलेक्टर, डीइओ तक से इनकी शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। बाहरी लोगों के माध्यम से भी ये लोग उन पर दबाव बनवा रहे हैं, जिससे वह प्राचार्य पद भी छोडऩा चाह रहे हैं।
जांच टीम के दमोह के बीईओ बाइके कोरी ने बताया कि हमने स्कूल का निरीक्षण किया है। बच्चों ने सामाजिक विज्ञान की कक्षाएं नहीं लगने और इसी कारण पेपर में लिखने की बात कही है। प्रतिवेदन अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
Updated on:
16 Dec 2025 05:27 pm
Published on:
16 Dec 2025 05:25 pm
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