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लोगों ने कहा, दमोह के सम्मान में बट्टा लगा रहा बस स्टैंड, दूर तक नहीं बुनियादी सुविधाएं

शहर का मुख्य बस स्टैंड अव्यवस्थाओं का शिकार है, जिससे हजारों यात्रियों को रोजाना विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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दमोह. शहर का मुख्य बस स्टैंड अव्यवस्थाओं का शिकार है, जिससे हजारों यात्रियों को रोजाना विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां न तो बैठने की सही व्यवस्था है, न ही साफ सुथरे शौचालय, और न ही पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध है। गंदगी और अव्यवस्थित यातायात के चलते बस स्टैंड की स्थिति बेहद बदहाल हो चुकी है, जिसका सीधा असर शहर की छवि पर पड़ रहा है। इसके अलावा, बसों का अनियंत्रित स्टॉपिंग और सुरक्षा का अभाव यात्रियों के लिए खतरनाक बन गया है।

यात्रियों को बैठने नहीं व्यवस्था, इधर अवैध बिल्डिंग में अवैध कब्जाबस स्टैंड पर यात्रियों को बैठने के लिए भले ही कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन यहां चारों ओर बेजा अतिक्रमण गंभीर समस्या बन चुका है। देखा जा सकता है कि स्टैंड की बिल्डिंग के कमरों में बस ऑपरेटर अपना कब्जा जमाए हुए हैं। इनके अवैध कब्जों को खाली कराने में प्रशासन हर बार नाकाम रहा।

वहीं स्टैंड पर महिला यात्रियों के लिए यहां कोई खास सुविधा नहीं है। यह स्थिति यात्रियों के लिए बेहद परेशानी का कारण बनती है।

नया बस स्टैंड अधर में लटका

सागर नाका बायपास पर बनने वाला नया बस स्टैंड यात्रियों की उम्मीदों का केंद्र था, लेकिन यह प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में लटका हुआ है। लोग इसे व्यवसायिक प्रोजेक्ट मानते हैं साथ ही गड़बडि़यों की वजह से यह सुर्खियों में रहा, वहीं दुकानदार भी इस नए प्रोजेक्ट से कोई उम्मीद नहीं लगाए हैं।

वर्जन

मुझे बस स्टैंड की हालत देख कर हैरानी होती है। न बैठने की जगह है, न साफ-सफाई। इसमें प्रशासन की लापरवाही है। जो बाहर से लोग यहां आते हैँ वह दमोह को लेकर अलग छवि बनाकर जाते होंगे।नीतू उपाध्याय

महिला यात्रियों के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है। शौचालय गंदे हैं और पीने का पानी भी नहीं मिलता। बेहद परेशानी होती है।

गीता अवस्थी

सरकारी बिल्डिंग की हालत खराब है, टीन शेड टूटकर गिरता जा रहा है। प्रशासन खुद नहीं चाहता यहां पर यात्रियों की सुविधाएं विकसित हों।

लक्ष्मी नारायण तिवारी

बरसात में बस स्टैंड का परिसर कीचड़ से भर जाता है। पैर तक रखने की जगह नहीं होती। फिर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं।

रफीक खान

स स्टैंड पर हर दिन हजारों यात्रियों का आना जाना होता है। यात्री दुकानों, होटलो पर धूप से बचने खड़े रहते हैँ, क्योंकि स्टैंड पर बैठने कोई जगह नहीं है। हैरानी इस बात की है, इस ओर ध्यान आखिर क्यों नहीं दिया जा रहा है।

रानू जैन