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तेज बहाव में टूटकर बहा पुल
मड़ीखेड़ा डैम के सभी गेट खुलने और लगातार जारी बारिश के कारण सिंध नदी अपना रौद्र रूप धारण किए हुए है। कई गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हो चुके हैं। नदी में पानी का बहाव इतना तेज है कि उसके सामने जो भी आ रहा है वो उसे अपनी लहरों में समेटकर ले जा रहा है। सिंध नदी पर बना रतनगढ़ माता मंदिर का बड़ा पुल भी मंगलवार को नदी के तेज बहाव में टूटकर लहरों में समा गया और लांच-पिछोर का पुल भी नदी का बहाव नहीं झेल पाया और ढह गया। रतनगढ़ माता मंदिर के बड़े पुल के नदी के बहाव में बहने का वीडियो भी सामने आया है जिसमें चंद मिनिटों में ही पुल का बड़ा हिस्सा नदी के तेज बहाव में बहता नजर आ रहा है। लगातार नदी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है और इसके कारण प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया गया है।
देखें वीडियो- मड़ीखेड़ा डैम के सभी 10 गेट खुले
ग्वालियर-चंबल संभागों में बाढ़ का कहर
मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल संभागों में लगातार बारिश और डैम का पानी छोड़ने के कारण बाढ़ का दौर जारी है। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और ग्वालियर के 1171 गांव प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सुबह मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई। वायुसेना के 5 हेलीकाप्टरों ने सुबह उड़ान भी भरी, लेकिन खराब मौसम के कारण उतर नहीं पाए। मौसम ठीक होते ही रेस्क्यू आपरेशन प्रारंभ हो जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि एक हजार 600 लोगों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लोगों ने निकाला।सोमवार 11 लोगों को एयरफोर्स ने निकाला। हमारी एसडीआरएफ की 70 टीमें रेस्क्यू आपेरशन में लगी हैं। 3 टीमें एनडीइआरएफ की लगी हैं और टीमों के लिए भी हमने अनुरोध किया है। सेना बुला ली गई है। शिवपुरी जिले के बीछी गांव में कई लोग पेड़ पर बैठे हुए हैं, उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहां दूर-दूर तक पानी है। सभी कलेक्टर से मैंने बात की है। हम सभी के संपर्क में हैं। मनीखेड़ा डैम भर जाने के कारण पानी छोड़ा गया है, जिससे जल स्तर और बढ़ने की संभावना है।
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