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मेरी बेटी गाजी अब्बास को नहीं जानती, पुलिस ने रची रेप की फर्जी कहानी… कोर्ट में महिला के बयान से पलट गया मामला

Court Decision: पुलिस ने नाबालिग की मां से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर रेप की झूठी स्क्रिप्ट लिख डाली। रेप का ये मामला मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी साबित नहीं हो पाए। पोक्सो कोर्ट में पुलिस की एक भी दलील टिक नहीं पाई। कोर्ट ने आरोपी को बरी करने के आदेश जारी कर दिए हैं

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The police's fabricated rape story has been exposed in the POCSO court

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Court Decision:रेप की झूठी स्क्रिप्ट का कोर्ट में पर्दाफाश होने से पुलिस असजह है। ये मामला देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता की मां ने 29 अक्तूबर 2024 को रायपुर थाने में केस दर्ज कराया था। कहा कि उनकी 14 वर्षीय बेटी लापता हो गई है। आरोप था कि काफी तलाशने पर वह भगत सिंह कॉलोनी में गाजी अब्बास नामक युवक के कमरे में मिली। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल करते हुए दावा किया था कि आरोपी ने किशोरी को जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ रेप किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामला तब पलट गया जब पीड़िता और उसकी मां ने पुलिस की कहानी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। गवाही देते हुए मां ने कहा कि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं और पुलिस ने थाने में उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए थे। उन्हें नहीं पता था कि उसमें क्या लिखा है। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी बेटी सहेली के घर पढ़ने गई थी और देर हो गई थी। पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि गाजी अब्बास से उसकी कोई दोस्ती नहीं थी और न ही वह कभी उसके कमरे पर गई। उसने कहा कि पुलिस के दबाव में उसने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिए थे। वहीं, दूसरी ओर कोर्ट में पुलिस की एक भी दलील टिक नहीं पाई। साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने गाजी अब्बास को बरी कर दिया।

टिक नहीं पा रही पुलिस की दलीलें

पॉक्सो और दुष्कर्म के गंभीर मामलों में भी पुलिस की जांच कोर्ट में टिक नहीं पा रही हैं। हालिया महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें आरोपी बरी कर दिए गए। कोर्ट ने हाल में पुलिस की एक जांच को तो दूषित तक करार देते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। उस मामले में कोर्ट ने एसपी और डीएम से भी रिपोर्ट मांगी थी। माना जा रहा है कि रेप केस के मामलों में पुलिस जल्दबाजी कर रही है। पुलिस ठोस साक्ष्यों को तलाशे बगैर ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही है। इसी का फायदा मुजरिम उठा रहे हैं।

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पुलिस कर्मी पर मुकदमा दर्ज

पुलिस विभाग में ड्राइवर के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति पर उसकी पत्नी ने मानसिक उत्पीड़न और दूसरी महिला से अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया है। रायपुरा थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनका विवाह वर्ष 2008 में दीपक लाल के साथ हुआ था। दंपति के दो बेटे और दो बेटियां हैं। कहा कि पति लंबे समय से उत्पीड़न करता। आरोप है कि दीपक और प्रेमिका को 16 अगस्त की रात 10 बजे बद्रीश कॉलोनी में आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ा गया। एसओ रायपुर गिरीश नेगी के मुताबिक पत्नी के उत्पीड़न के आरोपी दीपक लाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।