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भालुओं की नई हरकत से हड़कंप : बंद घरों के ताले तोड़ चुरा रहे राशन, विशेषज्ञ भी हैरान

Bear Terror: कंदमूल और जड़ी-बुटियों से भालुओं का अब मोह भंग होने लगा है। भालू लोगों के बंद घरों के ताले तोड़ नमक, दाल, चावल और आटा आदि भोजन सामग्री चोरी कर रहे हैं। भालू अब तक 40 घरों के ताले तोड़ चुके हैं। भालुओं की इस बदलती प्रवृति से विशेषज्ञ भी हैरान है।

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In the migratory areas of Munsiyari and Dharchula in Uttarakhand's Pithoragarh district, bears are breaking into people's homes in search of food

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भालुओं ने घरों के ताले तोड़े। फोटो सोर्स एआई

Bear Terror: राशन चोर भालुओं के आतंक से लोग परेशान हैं। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में निवास करने वाले भालू आमतौर पर जड़ी-बूटी और कंदमूल ही खाते हैं। लेकिन अब भालुओं को लोगों के घरों में रखे राशन का स्वाद भाने लगा हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी के माइग्रेशन गांवों में इन दिनों भालुओं ने आतंक मचाया हुआ है। दरअसल, ठंड शुरू होने के बाद इन गांवों में रहने वाले लोग निचले इलाकों की तरफ लौट जाते हैं। मार्च तक ये इलाके बर्फ से ढके रहते हैं। इन इलाकों के लोग मार्च और अप्रैल तक अपने गांवों में लौटते हैं। इन दिनों ऊच्च हिमालयी क्षेत्रों के इन गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के बंद घरों में लोग राशन भी छोड़ गए हैं। घरों में रखे नमक, दाल, चावल, गेहू आदि खाद्यान्न की खुशबू भालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। कुछ दिन पूर्व ही ने मुनस्यारी के लास्पा में सरपंच बीरबिल सिंह लस्पाल के घर का ताला तोड़कर अंदर रखी खाद्य सामाग्री साफ कर दी। इधर धारचूला के बोन की सरपंच छोरी देवी ने बताया कि भालुओं ने दारमा घाटी के 14 गांवों में आतंक मचाया हुआ है। कई घरों में तोड़फोड़ कर भालूओं ने राशन बर्बाद किया है।कई घरों की छतें भी भालू तोड़ चुके हैं। इधर, पूर्व वन्यजीव चिकित्सक डॉ. योगेश भारद्वाज के मुताबिक, शीतनिद्रा (हाइबरनेशन) में जाने से पहले भालू अधिक भोजन और ऊर्जा संरक्षित करते हैं। भोजन की तलाश करते हुए भालू आबादी के करीब पहुंच रहे हैं।

प्रशासन से की शिकायत

माइग्रेशन गांव रालम में भालुओं ने आवासीय मकानों को नुकसान पहुंचाया है। सोमवार को ईश्वर सिंह और बहादुर सिंह ने एसडीएम आशीष जोशी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि भालुओं ने बीते दिनों गांव के अधिकांश घरों की छत, दरवाजे तोड़ दिए हैं। कहा कि घरों के अंदर रखी खाद्य सामग्री को भी नुकसान पहुंचाया है। बताया कि भालू घरों में रखी खाद्यान्न सामग्री को चट कर रहे हैं। घरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।

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भालुओं को मारने की दें अनुमति

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला की दारमा घाटी में भालुओं के आतंक से लोग परेशान हो चुके हैं। ग्रामीण महिलाओं ने प्रशासन से उन्हें भालुओं को मारने की अनुमति देने की मांग उठाई है। सोमवार को 90 किमी से अधिक दूरी तय कर यहां पहुंची महिलाओं ने कहा कि भालुओं ने उनका जीना दुश्वार कर दिया है। कहा कि प्रशासन लाचार बना हुआ है। उन्होंने शीघ्र भालू के आंतक से निजात नहीं मिलने पर तहसील और जिला मुख्यालय में घेराव करने की चेतावनी दी। नगर के टकाना स्थित कलक्ट्रेट में बोन की सरपंच छोरी देवी के नेतृत्व में महिलाएं पहुंची। इस दौरान सरपंच छोरी ने बताया कि दारमा के सीपू से सेला तक भालू का आंतक है। गरीब परिवारों की छतों व दरवाजों को तोड़ दिया है। 14 गांवों में राशन को बर्बाद कर दिया है।