28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब आवारा कुत्ते गिनेंगे प्रोफेसर : प्राचार्य बनाए नोडल, जानें क्यों चर्चाओं में आया सरकार का ये आदेश

Government's New Order : सरकारी और गैर सरकारी डिग्री कॉलेजों के प्रोफेसर अब अध्यापन के साथ ही आवारा कुत्तों की गिनती कर उनका डाटा भी तैयार करेंगे। इस बड़े अभियान के लिए शासन ने प्रत्येक कॉलेज के प्राचार्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है। शासन का ये आदेश समूचे राज्य में चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

2 min read
Google source verification
College professors in Uttarakhand will count stray dogs; this government order has sparked outrage

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Government's New Order:आवारा कुत्ते लोगों का सुख चैन छीन रहे हैं। रोजाना दर्जनों लोगों को आवारा कुत्ते काट रहे हैं। इधर, उत्तराखंड के गांव-गांव और शहर-शहर में आवारा कुत्तों का आतंक चल रहा है। आवारा कुत्तों के काटे हुए लोगों की अस्पतालों में एआरवी लगवाने के लिए भीड़ उमड़ी हुई है। आवारा कुत्तों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के आदेश जारी किए हैं। इसी को लेकर उत्तराखंड में अब सरकारी स्तर से आवारा कुत्तों पर नियंत्रण और उनके लिए सेल्टर बनाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। शासन ने आवारा कुत्तों की गिनती का जिम्मा प्रोफेसरों को दे दिया है। हर महाविद्यालय के प्राचार्य और विवि के कुलसचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है।

शिक्षाविदों में चर्चा का विषय बना आदेश

आवारा कुत्तों की गिनती को लेकर उच्च शिक्षा के संयुक्त सचिव की ओर से जारी ये आदेश शिक्षाविदों में चर्चा का विषय बन गया है। बीते 23 दिसंबर को जारी इस आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड के शासकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय और निजी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को लावारिस कुत्तों की गणना की जिम्मेदारी दी गई है। आदेश के मुताबिक, प्राचार्य को अपने संस्थान के आसपास लावारिस कुत्तों की गणना कर उनके पुनर्वास के लिए कार्रवाई की गई है या नहीं की गई है, इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को देनी होगी।

ये भी पढ़ें- 30 दिसंबर से मौसम दिखाएगा तेवर : चार दिन बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी से ठिठुर उठेंगे लोग

प्रोफेसरों ने जताई आपत्ति

उत्तराखंड में संयुक्त शिक्षा निदेशक की ओर से जारी इस आदेश पर प्राफेसरों ने गहरी आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि शिक्षकों का काम बच्चों को शिक्षा और ज्ञान देने का है ताकि बेहतर राष्ट्र, बेहतर नागरिक और बेहतर समाज बन सके। शासन और सरकार को भी चाहिए कि वह शिक्षकों को सम्मान दे। दुर्भाग्य है कि अब शिक्षक अध्यापन छोड़कर आवारा कुत्तों की गणना करेंगे। यह निर्णय शिक्षक और शिक्षा जगत के लिए अपमानजनक है। इधर, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंडल अध्यक्ष नरेंद्र तोमर का कहना है कि शिक्षक की ड्यूटी कुत्तों की गणना में लगाना और प्राचार्य को नोडल अधिकारी बनाना गरिमा के खिलाफ है। सरकार के इस निर्णय से पूरे शिक्षा जगत का अपमान हुआ है। इसका विरोध किया जाएगा।