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शिक्षकों को हर माह 35 सौ का लगेगा झटका, नए सिरे से तय होगी सैलरी, वेतन में बदलाव से गुस्सा

New Order: सरकार ने शिक्षकों के वेतन में बदलाव के आदेश जारी कर दिए हैं। इसकी जद में करीब पांच हजार शिक्षक आ रहे हैं। उनकी सैलरी में हर माह करीब 3500 रुपये तक कमी आएगी। इससे शिक्षकों में आक्रोश का माहौल है। वह सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

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An order to change the salaries of five thousand teachers in Uttarakhand has sparked anger among the teachers

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

New Order:शिक्षकों के वेतन में बदलाव के आदेश से आक्रोश का माहौल है। शिक्षकों का वेतन कम करने का मामला उत्तराखंड का है। इसकी जद में राज्य के करीब पांच हजार शिक्षक आ रहे हैं। उन्हें चयन और प्रोन्नत वेतनमान के वक्त दिया गया अतिरिक्त इंक्रीमेंट अब नहीं मिलेगा। पिछले नौ साल से जारी विवाद में सरकार ने आखिरकार इंक्रीमेंट पर स्थिति साफ कर दी। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सरकारी कर्मचारी वेतन नियम 2016 में इस बाबत संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने इन शिक्षकों का वेतन नए सिरे से तय करने के निर्देश दिए हैं। वित्त सचिव के मुताबिक, साल 2016 से 2019 के बीच चयन-प्रोन्नत वेतनमान के दौरान अतिरिक्त इंक्रीमेंट पा चुके शिक्षकों से अधिक भुगतान की वसूली को स्थगित कर दिया गया है। लेकिन, उनके वेतनमान को नए सिरे से संशोधित किया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक शिक्षा को पत्र भेजा गया है। बताया जा रहा है कि इससे शिक्षकों के वेतन से एक इंक्रीमेंट की कटौती हो जाएगी। चयन और प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट का लाभ ले चुके करीब पांच हजार शिक्षक इस फैसले की जद में आ रहे हैं। इधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद पैन्यूली के मुताबिक सरकार को अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। शिक्षकों से नाइंसाफी की जा रही है। 1.5 लाख राजकीय और 40 हजार निगम कर्मचारियों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान में इंक्रीमेंट दिया जाता है। फिर शिक्षकों को क्यों नहीं? इस फैसले का पुरजोर विरोध किया जाएगा।

इंक्रीमेंट का उठा चुके लाभ

शिक्षकों को 10 और उसके बाद 12 साल की सेवा अवधि पर उच्चतर वेतनमान दिया जाता है। वर्ष 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद से शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान पर एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट मिलने लगा था। हालांकि, छह सितंबर 2019 को एक शासनादेश जारी कर राज्य सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी थी। इसके तहत चयन प्रोन्नत वेतनमान के दायरे में आने पर वेतन को मैट्रिक्स में अगली कोष्ठिका में तय करने का प्रावधान कर दिया गया। इससे पहले एक जनवरी 2016 से 13 सितंबर 2019 के बीच प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों को इंक्रीमेंट का लाभ मिल गया था। इस पर वर्ष 2019 के बाद शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों से पूर्व में दिए गए इंक्रीमेंट की रिकवरी शुरू कर दी थी।

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हाईकोर्ट जाएंगे शिक्षक

सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की ओर से रिकवरी पर स्टे लगाए जाने के कारण इन शिक्षकों को इंक्रीमेंट का लाभ मिलता आ रहा था। इधर, संघ के पूर्व महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला के मुताबिक, कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल के तीन एसीपी मिलती है। शिक्षकों सिर्फ दो चयन और प्रोन्नत वेतनमान मिलते हैं। कई बार तो प्रमोशन के बिना ही शिक्षक रिटायर हो जाते हैं। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।