
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो
CM's Announcement: वन्यजीवों के आतंक से राज्यभर में लोग त्रस्त हो चुके हैं। बाघ, तेंदुआ और भालू आदि वन्यजीव कई लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं। बंदर, लंगूर, नीलगाय आदि वन्यजीव लोगों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। मामलों को गंभीरता से लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में वन्यजीव नसबंदी केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों से निपटने के लिए सोलर फेंसिग और सेंसर बेस्ड अलर्ट सिस्टम स्थापित किया जाएगा। सीएम धामी ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सीएम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में तेंदुआ, भालू, जंगली सुअर, नीलगाय, लंगूर और बंदर आदि वन्यजीव फसलों, अवस्थापनाओं या मानव जीवन को क्षति पहुंचा रहे हैं, वहां चरणबद्ध तरीके से सोलर फेंसिंग और अलर्ट सिस्टम लगाए जाएंगे। वन्यजीवों की नसबंदी के लिए सभी जिलों में केंद्र खोले जाएंगे। हर जिले में वन्यजीवों के रेस्क्यू के लिए रिहैबीलेशन सेंटर भी खोले जाएंगे।
सीएम ने कहा कि लंगूर, बंदर, सुअर, भालू आदि की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण लगाने के लिए आधुनिक वन्यजीव नसबंदी केंद्र हर जिले में खोले जाएंगे। वन्यजीवों के रेस्क्यू के लिए रिहैबीलेशन सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए पर्वतीय जिलों में न्यूनतम 10 नाली जबकि मैदानी क्षेत्रों में न्यूतनतम एक एकड़ भूमि आरक्षित की जाएगी। सीएम ने कहा कि इन कार्यों की बेहद जरूरत को देखते हुए प्रमुखता दी जाएगी। दो हफ्ते के भीतर वन विभाग को जाल, पिंजरे, ट्रेकुलाइजनशन गन आदि क्रय के लिए पांच करोड़ रुपये देने का ऐलान भी किया।
सीएम ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम के लि केन्द्रीय वन्य जीव अधिनियम के प्रावधानों में हिंसक जीवों को निषिद्ध करने के अधिकारों का विकेन्द्रीकरण कर वन विभाग के रेंजर स्तर के अधिकारियों को सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए नियमावली में जरूरी संशोधन किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से बीते दिनों उनकी इस मसले पर वार्ता हुई है।
Updated on:
20 Dec 2025 06:34 pm
Published on:
20 Dec 2025 06:30 pm
बड़ी खबरें
View Allदेहरादून
उत्तराखंड
ट्रेंडिंग
