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प्रकृति का कहर और करिश्मा! बादल फटने से मलबे में दबा शख्स…रेंगते, गिरते-पड़ते बाहर निकला

उत्तराखंड में आज दोपहर में प्रकृति का कहर टूट पड़ा। बादल फटने से हर्षिल घाटी के पास बसे धराली गांव की खुशहाल जिंदगियां मिट्टी के मलबे में दब गई।

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त्रासदी को मात देकर मलबे से जिंदा निकला शख्स, PC- Patrika Team

Uttarkashi Cloud Burst News : उत्तराखंड में आज दोपहर में प्रकृति का कहर टूट पड़ा। बादल फटने से हर्षिल घाटी के पास बसे धराली गांव की खुशहाल जिंदगियां मिट्टी के मलबे में दब गई। पूरा गांव, जो कभी हंसी-खुशी से गूंजता था, अब तबाही के साये में तब्दील हो गया। चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और 50 से ज्यादा प्रियजनों के मलबे में दबे होने की आशंका से हर दिल दहल उठा है।

इसी विनाश के बीच एक शख्स की जिंदगी ने उम्मीद की एक रोशनी जगा दी, जिसने हर आंख को नम कर दिया। एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शख्स मिट्टी के ढेर से जिंदा निकलता हुआ दिखाई देता है। अचानक मलबे से उभरकर, गिरते-पड़ते, दर्द और हिम्मत के साथ वह झाड़ियों की ओर बढ़ता है। ऊपर खड़े लोग उसकी हौसला अफजाई करते हैं, आंसुओं के साथ प्रार्थना करते हैं कि यह जीवटता और भी जिंदगियां बचा सके। पहाड़ी से बेकाबू मलबा, पानी और पत्थरों की तेज धारा ने गांव के घरों को ताश के पत्तों की तरह ढहा दिया। हर तरफ चीख-पुकार और दर्द का मंजर है, जहां कभी बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां अब सन्नाटा और मातम पसरा है।

SDRF, NDRF और सेना की टीमें मलबे से प्रियजनों को निकालने के लिए जूझ रही हैं, लेकिन हर दिल में एक ही चीख है - 'काश, और कोई जिंदा मिले!' प्रकृति के इस क्रूर खेल ने एक बार फिर इंसानियत को झकझोर दिया है।

धराली गांव देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से मात्र 18 किमी दूर स्थित है, जहां पिछले दो दिनों से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। पानी के सैलाब से लोग दहशत में चीखने-चिल्लाने लगे, और गांव की ओर बढ़ते खतरे ने सबको हिलाकर रख दिया। कई होटलों और दुकानों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे धराली बाजार पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। होटल और दुकानें मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं।