
CG Panchayat Chunav: धमतरी जनपद पंचायत में सरकार बनाने लिए भाजपा-कांग्रेस के बीच जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि इस चुनाव में 25 में से 18 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस 7 सीट ही ला पाई। 2020 के चुनाव में भाजपा की अधिक सीट होने के बावजूद क्रास वोटिंग कराकर कांग्रेस जनपद पंचायत में सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी। इस समय भाजपा के 13 और कांग्रेस के 12 प्रत्याशी जीतकर आए थे।
कांग्रेस जोड़-तोड़ करने में सफल हुई थी। भाजपा के जनपद सदस्य ने क्रॉस वोटिंग किया, जिसके चलते कांग्रेस समर्थित जनपद पंचायत सदस्य मनीषा साहू अध्यक्ष बनी। इसके पूर्व 2015 के चुनाव में भाजपा को 10 और कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की। इस बार भाजपा क्रास वोटिंग कराने में सफल रही और भाजपा समर्थित रंजना डीपेन्द्र साहू जनपद अध्यक्ष चुनी गई। ऐसे में इस बार भी यदि कांग्रेस क्रास वोटिंग कराने में सफल रही तो अध्यक्ष पद के लिए भाजपा का समीकरण बिगड़ सकता है। यही वजह है कि भाजपा संगठन धमतरी जनपद पद विशेष नजर जमाई हुई है। जीतने वाले सदस्यों के भी संपर्क में है।
धमतरी जनपद में अध्यक्ष चुनने को लेकर 2015 और 2020 में दो बड़े उलटफेर हो चुके हैं। 2015 में रंजना साहू जनपद अध्यक्ष बनी थी। तब कांग्रेस की ओर से क्रॉस वोटिंग हुई थी। तब कांग्रेस के ज्यादा सदस्य होने के बावजूद भाजपा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों को गाय के बछड़े की पूंछ पकड़ाकर कसम खिलाई गई थी।
2020 में भाजपा को बहुमत लेकिन कांग्रेस समर्थित सदस्य अध्यक्ष बने थे। इस दौरान भाजपा से क्रॉस वोटिंग हुई थी। तब भाजपा सदस्यों को अंगारमोती माता मंदिर ले-जाकर कसम खिलाई गई थी। एक बार फिर यहां जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। पार्टी के दिग्गज यहां निर्वाचित सदस्यों पर नजर रख रहे।
जनपद पंचायत धमतरी में अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा समर्थित 18 प्रत्याशियों की जीत हुई है। अब अध्यक्ष पद के लिए इन्हीं 18 विजयी प्रत्याशियों में से 2 प्रत्याशी जयंती ध्रुव भटगांव और अंगीरा ध्रुव अरौद (ली) शामिल हैं। दोनों में से एक को अध्यक्ष की कुर्सी मिल सकती है।
जयंती ध्रुव पूर्व में भी जनपद सदस्य रह चुकी है जबकि अंगीरा ध्रुव स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है। दोनों के बीच कौन उपयुक्त होगा यह पार्टी तय करेगी, लेकिन दोनों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है इसलिए उपाध्यक्ष की कुर्सी भी भाजपा के खाते में जा सकती है। बहरहाल जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का अंतिम फैसला निर्वाचित सदस्यों के वोटिंग से होगी। भाजपा के लिए क्रास वोटिंग रोकना चुनौती होगा।
Updated on:
21 Feb 2025 12:54 pm
Published on:
21 Feb 2025 12:49 pm
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