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Ahoi Ashtami: अहोई अष्टमी 5 नवंबर को, यह माता की सबसे प्रसिद्ध आरती

अहोई अष्टमी दिवाली पूजा से आठ दिन पहले आती है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों के कल्याण के लिए भोर से लेकर गोधूलि बेला तक उपवास करती हैं और शाम को आकाश में तारों को देखने के बाद व्रत तोड़ती हैं। कुछ महिलाएं चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत तोड़ती हैं। यह काफी कठिन व्रत है बहुत सी महिलाएं पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। इस दिन माता की पूजा के बाद उनकी आरती जरूर गानी चाहिए तो यहां जानिए अहोई माता की सबसे प्रसिद्ध आरती.. आरती अहोई माता की..

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Pravin Pandey

Nov 04, 2023

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अहोई अष्टमी पर अहोई माता की आरती शुभ मुहूर्त

॥ आरती अहोई माता की ॥
जय अहोई माता,जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता॥
जय अहोई माता...॥

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता॥
जय अहोई माता...॥

माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता॥
जय अहोई माता...॥

तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता॥
जय अहोई माता...॥

जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता॥
जय अहोई माता...॥

तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता॥
जय अहोई माता...॥

शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पाता॥
जय अहोई माता...॥

श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता॥
जय अहोई माता...॥

अहोई अष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण अष्टमी यानी अहोई अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को देर रात 12.59 बजे से (यानी 5 नवंबर को) हो रही है, यह तिथि 6 नवंबर को सुबह 3.18 बजे संपन्न होगी। इसलिए उदयातिथि में अहोई अष्टमी 5 नवंबर को माना जाएगा।

अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: शाम 05:40 बजे से राथ 06:57 बजे तक ( 01 घंटा 17 मिनट)
गोवर्धन राधा कुण्ड स्नान रविवार 5 नवंबर 2023 को
तारों को देखने का समयः शाम 06:03 बजे
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समयः पांच नवंबर रात 12:12 बजे (यानी छह नवंबर को)