
Ambedkar Jayanti 2022 file photo
भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्म जयंती हर साल 14 अप्रैल को एक त्यौहार के रूप में भारत ही नहीं दुनिया के और कई देशों में भी मनाई जाती है। जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के दिन को उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान निर्माण और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं। यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के दिन तमाम सरकारी दफ्तरों सहित भारत के बौद्ध विहारों में भी उनकी जयंती मनाकर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया जाता है। भारत सहित दुनिया के 100 से अधिक देशों में भी डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्म जयंती मनाई जाती है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के योगदान को याद करने के लिये हर साल 14 अप्रैल को एक उत्सव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उनके स्मरणों को अभिवादन किया जाता हैं। जयंती के दिन भारत के कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया जाता है। हर वर्ष भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं अन्य राजनैतिक, सामाजिक संगठनों के लोग उनके योगदान को याद करते हुए नमन करते हैं। इस दिन सार्वजनिक लगी उनकी प्रतिमाओं पर पुष्पमाला अर्पित कर उनकी मूर्ति के सामने परेड भी करते हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के दिन हिंदुस्तान के गावों, नगरों, छोटे-बड़े शहरों में एक जुनून के साथ जयंती पर्व मनाया जाता है। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य में यह जयंती बडे पैमाने पर मनाई जाती है। देश में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजित भी किये जाते हैं- जिसमें चित्रकारी, सामान्य ज्ञान प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चर्चा, नृत्य, निबंध लेखन, परिचर्चा, खेल प्रतियोगिता और नाटक जिसके लिये पास के स्कूलों के विद्यार्थीयों सहित कई लोग भाग लेते हैं।
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Published on:
13 Apr 2020 08:38 am
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